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छत्तीसगढ़ में बच्चों को बालवाड़ी में खेल-खेल में शिक्षा मिलेगी

छत्तीसगढ़ में बच्चों को बालवाड़ी में खेल-खेल में शिक्षा मिलेगी

रायपुर, (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में पांच से छह साल के बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा बालवाड़ी से मिलेगी। इसके लिए राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने बालवाड़ी की शुरूआत की है।


बालवाड़ी योजना का मकसद नई शिक्षा नीति के अनुसार खेल खेल में बच्चों के सीखने और समझने की क्षमता को विकसित करना है। इसके लिए बच्चों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें स्कूल के माहौल के लिए तैयार करना है। बच्चों के लिए हर बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अतिरिक्त संबद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक की भी तैनाती की जाएगी और इसके लिए सहायक शिक्षक को हर माह 500 रुपए का अतिरिक्त मानदेय भी प्रदान किया जाएगा।


बच्चों को खेल-खेल में एवं रोचक तरीके से अध्यापन कार्य कराने के लिए आंगनबाड़ी सहायिका एवं शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। प्रत्येक बालवाड़ी के लिए बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री एवं प्रिंटरीच रंग-रोगन के लिए एक लाख रुपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इस वर्ष 5173 बालवाड़ियां प्रारंभ की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाड़ियां खोली जाएंगी।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि मनुष्य के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बाल्य अवस्था में ही हो जाता है। एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है, वही चीजें स्कूल में और आगे जीवन में उसकी मदद करती हैं। शिक्षण की शुरूआत तभी हो जानी चाहिए, जब बच्चों का मस्तिष्क तैयार हो रहा हो।


स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने बताया कि इस वर्ष 5173 बालवाड़ियां प्रारंभ की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाड़ियां खोली जाएंगी।


--आईएएनएस

एसएनपी/एसकेपी

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