भोपाल, न्यूज़ वर्ल्ड डेस्क। समीर सक्सेना एक अभिनेता लेखक और निर्माता है। समीर ने कोटा फैक्ट्री, होस्टल डेज, टीवीएफ ट्रिपलिंग और क्यूबिकल्स जैसी सुपरहिट वेबसीरीज में दमदार अभिनय किया है। इसके साथ ही वो कोटा फैक्ट्री के दोनों सीजन के निर्माता भी हैं। एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने समीर सक्सेना भोपाल पहुंचे। इस दौरान न्यूज़ वर्ल्ड से खास बातचीत में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
भोपाल में जादूगर फिल्म से जुड़ी यादें साझा करते हुए समीर सक्सेना ने कहा, भोपाल में हमने जादूगर की शूटिंग की थी। एक डेढ़ साल पहले जब भोपाल आया था यहां का मौसम बहुत अच्छा था, न ज्यादा गर्मी थी न ज्यादा सर्दी थी। उन्होंने भोपाली खाने की भी जमकर तारीफ की। उनका कहना था कि, शूटिंग के दौरान जहां से खाना मंगवाया गया वो बहुत ही स्वादिष्ट था। भोपाली इतने कॉपरेटिव है की यहां शूटिंग करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं जाती, इसलिए मैं चाहता हूं कि भोपाल में शूटिंग ज्यादा से ज्यादा हो। समीर कहते है कि, उन्हें भोपाल इतना पसंद है कि यदि कोई पहाड़ों वाली स्टोरी आती है तो भी उसे हम यहां शूट कर सकते है, इतनी चीटिंग तो हम भोपाल के लिए कर ही सकते है।
समीर का कहना है कि सबसे पहले वो एक डायरेक्टर है। राइटिंग और एक्टिंग वो तभी करते है जब कुछ इंटरेस्टिंग होता है। उन्होंने कहा कि वो एक साथ ज्यादा चीजें नहीं करते, इसलिए काम को बैलेंस करना उनके लिए काफी आसान हो जाता है।
वेबसीरीज कोटा फैक्ट्री को लेकर समीर ने कहा कि, इस वेब सीरीज के जितने भी प्रमुख कास्ट थे सभी कोटा के ही प्रोडक्स है। मैं भी 12 साल कोटा में रहा हूं। वेबसीरीज के राइटर सौरभ खन्ना कोटा में कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ाते थे, इसलिए उन्होंने जो भी स्क्रिप्ट में लिखा वो वही लिखा जो उन्होंने वहां देखा। इसलिए वो बहुत ज्यादा रियल और रीलेटेबल लगते हैं।
समीर का कहना है कि, उनके लिए छोटा और बड़ा पर्दा कभी मायने ही नहीं रखा। उनके लिए जरूरी ये है कि वो जो कहानियां कहना चाहते हैं ऑडिएंस तक पहुंचे। उनका कहना है कि, हमे जो भी कहना है अभी तक हम वो छोटे पर्दे पर ही कह पाए हैं और आज सब लोग उन कहानियों को देख चुके हैं और उनके बारे में बात कर रहे हैं। उनका 9कहना है कि, हमारी कहानियां दर्शकों तक पहुंच रही हैं इससे हम खुश हैं। हम बिल्कुल चाहेंगे कि थिएटर में फिल्म भी रिलीज करें और उसको लेकर प्लान भी हैं। मगर ऐसा भी नहीं है कि हमें थिएटर में ही रिलीज करना है। अगर कोई फ़िल्म डिजिटल पर ज्यादा ऑडियंस तक पहुंच सकती है तो हम उसके साथ ही जाएंगे।
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