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साउथ का सिनेमा हमारे 70-80 के दशक जैसा : रोहित तिवारी

साउथ का सिनेमा हमारे 70-80 के दशक जैसा : रोहित तिवारी

आप 70-80 और 90 के दशक की बॉलीवुड फिल्में देखेंगे तो आपको उनमें वही हीरोइज्म दिखेगा जो अभी साउथ सिनेमा में चल रहा है।हमारे हीरो की इंट्री में उसके पैर दिखाते थे या धूल उड़ना या हवाएं चलना बहुत कुछ साउथ के जैसा ही था।अमिताभ बच्चन,जीतेन्द्र,धर्मेंद्र हों या गोविंदा इन हीरोज की एंट्री होती थी तब हीरोइज्म दिखता था। धीरे―धीरे हमारा सिनेमा रियलिस्टिक होना शुरू हुआ।सिनेमा लार्जर देन लाइफ हो,बड़े पर्दे पर कुछ ऐसा हो जो हमको अपनी सीट से उछलने पर मजबूर कर दे।तो हिंदी फिल्मों में वो दौर कम हो गया लेकिन साउथ में वो दौर कंटिन्यू है और उसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं।यह कहना है साहिब बीवी और गैंगस्टर,धोबी घाट,बिल बुल,ड्रीमगर्ल,दसवीं,क्लास ऑफ 83,मिशन मंगल और मिर्ज़ापुर में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले एक्टर रोहित तिवारी का। वह भोपाल में अपने आगामी प्रोजेक्ट की शूटिंग के लिए आये हैं। इस मौके पर उन्होंने ‛न्यूज वर्ल्ड’ से खास बातचीत में अपने अभिनय का सफर साझा किया।


सोचा नहीं था कि एक्टिंग लाइन में आना है

रोहित ने कहा कि स्कूल और कॉलेज के समय में कभी सोचा नहीं था कि एक्टिंग लाइन में आना है। मेरी किस्मत मुझे एक्टिंग लाइन में लेकर आई। जब थिएटर करना शुरू किया तो फिर सोच लिया था कि सिर्फ एक्टिंग पर ही ध्यान देना है। लंबे समय तक थिएटर किया, जिसका फायदा मुझे फिल्मों में मिला। एक्टिंग मेरे लिए पैशन और प्रोफेशन दोनों है। इस फील्ड में आने के बाद पता चलता है कि पूरी लाइफ को समझने के बाद कैरेक्टर को स्क्रीन पर उतारना है। एक्टिंग से एक जिंदगी में आप कई जिंदगी जी रहे होते हैं।


क्राइम पेट्रोल ने मुझे एक पहचान दी

रोहित कहते हैं कि 2012 में मुझे क्राइम पेट्रोल से पुलिस वाले का रोल निभाने का पहला मौका मिला था। उसके बाद लगभग 6 साल तक पुलिस का रोल निभाया। यही कारण था कि क्राइम पेट्रोल मेरे लिए बहुत अच्छा रहा।इससे मुझे देश ही नहीं विदेश में पहचान मिली।पुलिस के रोल में न बंध जाऊं इसलिए तो मैंने एड शो किए ताकि  कुछ डिफरेंट कैरेक्टर पर काम हो जाए। यही कारण है कि अब अलग-अलग तरह के रोल मिल रहे हैं। 

 

‛मिजार्पुर’ ने बहुत सारे अच्छे कलाकारों को एक प्लेटफॉर्म दिया

मिर्जापुर एक ऐसी वेब सीरीज थी जिसमें बहुत सारे अच्छे कलाकारों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने का काम किया और दर्शकों को भी एक फ्रेश कंटेंट मिला। मिजार्पुर वेब सीरीज के लिए ऑडिशन दिया था, जिसके बाद में मेरा सलेक्शन हुआ। फिल्म में मुझे पुलिस वाले का रोल मिला। पंकज त्रिपाठी के साथ काम करने अनुभव अच्छा रहा है, सारे लोग काम के प्रति सीरियस रहते हैं तो अच्छा काम होता है। आप कुछ अच्छा बना रहे हैं, तो लोग उसे प्रमोट जरूर करेंगे। हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि अच्छा कंटेंट रहे। साउथ की फिल्मों को पब्लिक अब पसंद कर रही है।  ओटीटी आने से आर्टिस्ट्स को भी अच्छा काम मिला रहा है।

Deepak Singh

Deepak Singh

deepak@newsworld.com

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