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दिमाग की नसों को खराब करने वाली ये बीमारी है घातक, 20 साल पहले से दिखने लगते हैं लक्षण

दिमाग की नसों को खराब करने वाली ये बीमारी है घातक, 20 साल पहले से दिखने लगते हैं लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, डिमेंशिया (Dementia)आज के समय में दुनियाभर में होने वाली मौतों का सातवां प्रमुख कारण है। साथ ही डिमेंशिया वृद्ध लोगों में विकलांगता और निर्भरता के प्रमुख कारणों में से भी एक है।


डिमेंशिया बीमारी नहीं एक सिंड्रोम है, जिसके अंर्तगत मस्तिष्क से जुड़े कई तरह के विकार शामिल है। इससे ग्रसित व्यक्ति सोचने की क्षमता, मैमोरी, ध्यान, तार्किक तर्क और अन्य मानसिक क्षमताओं में कमी का सामना करता है। ये परिवर्तन सामाजिक या व्यावसायिक कामकाज में हस्तक्षेप करने के लिए काफी गंभीर हैं।


डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति है जो आमतौर पर मस्तिष्क को प्रभावित करती है। जिससे संज्ञानात्मक गिरावट का खतरा बढ़ जाता है।


Express.co.uk की रिपोर्ट के अनुसार, अल्जाइमर रिसर्च यूके में शोध प्रमुख डॉक्टर सारा इमारिसियो का मानना है कि उन बीमारियों से जुड़े मस्तिष्क के बदलाव जो डिमेंशिया से जुड़े होते हैं 20 साल पहले से ही नजर आने लगते हैं। डिमेंशिया में दिखने वाले आम न्यूरोलॉजिकल लक्षणों में मैमोरी लॉस, संवाद करने या शब्दों को खोजने में कठिनाई, तर्क और समस्या को सुलझाने की क्षमता की कमी, जटिल कार्यों को करने और योजना बनाने में कठिनाई आदि शामिल है।


​चलने के तरीके में बदलाव है डिमेंशिया का संकेत

वेबएमडी के अनुसार, डिमेंशिया के सभी प्रकार के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इसमें कभी-कभी शारीरिक बदलाव मेमोरी लॉस से पहले नजर आने लगते हैं। ऐसे में जो लोग धीमे चलते हैं या जिनका संतुलन खराब होता उनमें अगले छह साल में अल्जाइमर(डिमेंशिया का सबसे कॉमन टाइप) होने की संभावना ज्यादा होती है। ये शारीरिक परिवर्तन मस्तिष्क की कोशिकाओं और तंत्रिका संचार के धीमी गति से बिगड़ने का संकेत देते हैं।


​क्यों होता है डिमेंशिया

क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, डिमेंशिया मस्तिष्क में हुए डैमेज के कारण होता है। यह आपके मस्तिष्क की नर्व सेल्स को प्रभावित करता है, जो आपके मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों के साथ संवाद करने की क्षमता को खत्म कर देता है। डिमेंशिया आपके मस्तिष्क में अवरुद्ध रक्त प्रवाह के परिणामस्वरूप भी हो सकता है, जिससे उसे आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। जिसके कारण मस्तिष्क के ऊतक (Brain Tissue) मरने लगते हैं


​इन लोगों को होता है डिमेंशिया का जोखिम

डिमेंशिया का जोखिम ज्यादातर उम्रदराज लोगों को होता है। 65 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों में से लगभग 5% से 8% को किसी न किसी प्रकार का डिमेंशिया होता है। यह संख्या हर पांच साल में दोगुनी हो जाती है। यह अनुमान लगाया गया है कि 85 वर्ष और उससे अधिक आयु के आधे लोग डिमेंशिया से ग्रसित हैं। इसके साथ ही इस बीमारी का होने कारण धुम्रपान, हार्ट डिजीज, ब्रेन इंजरी, फैमली हिस्ट्री, डायबिटीज, डाउन सिंड्रोम, स्लीप एप्निया, खराब जीवनशैली भी है।


​क्या है डिमेंशिया का इलाज

डिमेंशिया के कुछ प्रकारों का इलाज किया जा सकता है। इसमें दवा और अन्य उपाय डिमेंशिया के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, अधिकांश प्रकार के डिमेंशिया को ठीक या रिवर्स नहीं किया जा सकता है। साथ ही उपचार से भी केवल मामूली लाभ मिलता है।


डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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