भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज 'बुंदेलखंड केसरी' महाराजा छत्रसाल जी की जयंती पर उन्हें नमन किया। साथ ही, महाराजा छत्रसाल जी की जयंती के अवसर पर, सीएम यादव ने उनके योगदान को स्मरण करते हुए कहा, 'आपका अभूतपूर्व रणकौशल युद्ध इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जो राष्ट्र सेवकों को प्रेरणा देता रहेगा।'
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार 04 मई को अपने ऑफिशियल 'X' हैंडल पर महाराजा छत्रसाल जी की तस्वीर शेयर की। साथ ही, सीएम यादव ने लिखा, 'श्रद्धेय गुरु प्राणनाथ जी के प्रतापी शिष्य 'बुंदेलखंड केसरी' महाराजा छत्रसाल जी को जयंती पर सादर नमन करता हूं।'
सीएम यादव ने आगे लिखा कि आपने बाल्यावस्था से शौर्य, अदम्य साहस एवं पराक्रम के साथ मातृभूमि की रक्षा के लिए जीवन समर्पित कर दिया। आपका अभूतपूर्व रणकौशल युद्ध इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जो राष्ट्र सेवकों को प्रेरणा देता रहेगा। इस दौरान सीएम यादव ने छत्रसाल जी के धैर्य, साहस और विश्वास को सराहा।
उन्होंने कहा, छत्रसाल जी को उनकी सेवाओं के लिए नमन किया और उनके उत्तम नेतृत्व को प्रशंसा की। आपको बता दें कि महाराजा छत्रसाल जी का जन्म 4 मई को हुआ था और आज उनकी 478वीं जयंती मनाई जा रही है। महाराजा छत्रसाल जी ने राजस्थान के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विकास के पथ पर प्रेरित किया।
उन्होंने राजस्थान की संस्कृति, विविधता और विकास में योगदान किया। छत्रसाल जी के समय में राजस्थान का सामाजिक और आर्थिक विकास हुआ और राज्य में शिक्षा, कला, साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा मिला। उन्होंने लोगों के कल्याण और समृद्धि के लिए कई योजनाएं आयोजित की और राजस्थान को एक प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित किया।
इतना ही नहीं, महाराजा छत्रसाल मध्ययुग के एक महान प्रतापी "राजपूत" योद्धा थे, जिन्होने मुगल शासक औरंगज़ेब को युद्ध में पराजित करके बुन्देलखंड में अपना स्वतंत्र बुंदेला राज्य स्थापित किया और 'महाराजा' की पदवी प्राप्त की।
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