भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के पिछले दो चरण में साल 2019 के मुकाबले 9% वोटिंग में कम देखने को मिली है। ऐसे में अब राजनितिक दलों और चुनाव आयोग की निगाहें तीसरे चरण में मतदान प्रतिशत के बढ़ने पर टिकी हुई है। पिछले लोकसभा में इस 9 सीटों पर मतदान 66.63 प्रतिशत हुआ था।
इस बार इससे कम रहा तो राजनीतिक दलों का हार-जीत को लेकर गणित बदल सकता है। वहीं, निर्वाचन आयोग को यह चिंता सता रही है कि यहां गिरावट आने पर प्रदेश में पिछली बार के औसत 71.13 से काफी नीचे गिर जाएगा। चौथे चरण में अच्छा मतदान होता है तो भी अंतर को पाटना मुश्किल होगा।
मतदान के साथ अपने-अपने क्षेत्र से दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस के प्रमुख नेताओें की साख भी दांव पर लगी है। मतदान कम हुआ तो उनकी सक्रियता पर प्रश्न उठ सकते हैँ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों को मतदान बढ़ाने के लिए कह चुके है।
बतादें तीसरे चरण में मध्य प्रदेश की 9 सीटों पर आज वोटिंग होगी। ग्वालियर, गुना, भिंड, मुरैना, भोपाल, विदिशा, राजगढ़, सागर और बैतूल की जनता नेताओं के भविष्य को ईवीएम में बंद करेगी।
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