भोपाल। इंदौर लोकसभा सीट से अपना नामांकन वापस लेकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए अक्षय कांति बाम के विरोध में कांग्रेस पार्टी इंदौर संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं से चुनाव में नोटा (इनमें से कोई नहीं) बटन दबाने की अपील कर रही है, ऐसे में इस बार नोटा के आंकड़े दिलचस्प हो सकते है। 2019 के आम चुनाव में 3.4 लाख लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था। वहीं कांग्रेस द्वारा इंदौर में नोटा के लिए प्रचार करने के साथ, नोटा मतदाता इस बार मध्य प्रदेश में नया रिकॉर्ड बना सकते हैं।
बाम ने आखिरी समय में चुनाव से नाम वापस ले लिया, जिससे कांग्रेस हैरान रह गई और इंदौर से उसका कोई उम्मीदवार नहीं रहा। यहां तक कि वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमिता महाजन ने भी इस घटनाक्रम पर नाराजगी जताई। उन्होंने हाल ही में एक बनयान में कहा, "अगर हमारे कुछ लोगों ने इसमें भूमिका निभाई है, तो यह गलत है। और अगर बाम ने खुद यह फैसला लिया है, तो यह भी उतना ही गलत है।"
कांग्रेस पार्टी ने चुनाव मैदान में किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करने का फैसला किया है। इसके बजाय, उसने मतदाताओं से नोटा का विकल्प चुनने का आग्रह किया है। 2019 के चुनाव में कुल नोटा वोट 3,40,928 थे, जो कुल मतदान का 0.9 प्रतिशत था। नोटा ने राज्य में भाजपा, कांग्रेस और बसपा के बाद चौथा सबसे अधिक वोट प्राप्त किया था। 2014 के चुनाव में नोटा वोट 3.91 लाख थे, जो कुल का 1.32 प्रतिशत था।
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