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श्री कृष्ण जन्मभूमि केस में एक और वाद अदायर, आज भी जारी रहेगी सुनवाई

श्री कृष्ण जन्मभूमि केस में एक और वाद अदायर, आज भी जारी रहेगी सुनवाई

नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह विवाद को लेकर लंबित मुकदमों की सुनवाई मंगलवार को भी पूरी नहीं हो सकी। इन मामलों में सुनवाई बुधवार को जारी रहेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने दिया है। मुकदमे की पोषणीयता पर सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत मुस्लिम पक्ष की ओर से उठाए गए तर्कों के जवाब में मंगलवार हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया कि मुकदमा चलने योग्य है। इसके संबंध में दलील का फैसला प्रमुख सबूतों के बाद ही किया जा सकता है। यह भी कहा गया कि इन मामलों में प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के प्रावधान लागू नहीं होंगे।


एड. राहुल सहाय ने कहा कि वर्ष 1991 के पूजा स्थल ऐक्ट में धार्मिक चरित्र परिभाषित नहीं किया गया है। स्थान और संरचना का धार्मिक चरित्र साक्ष्य से और केवल दीवानी कोर्ट में ही तय किया जा सकता है। उन्होंने ज्ञानवापी मामले में फैसले का उल्लेख किया, जिसमें कोर्ट ने माना था कि धार्मिक चरित्र का फैसला केवल सिविल कोर्ट कर सकता है। आगे कहा गया कि इस विवाद में वक्फ ऐक्ट भी लागू नहीं होंगा क्योंकि विवादित संपत्ति, वक्फ संपत्ति नहीं है। जिस संपत्ति की बात है वह एक मंदिर था और उस पर कब्जे के बाद नमाज शुरू कर दी गई।


एक और वाद दायर

श्रीकृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह प्रकरण को लेकर प्रशांत कुमार, हर्ष वर्धन सिंह, नीलम सिंह और रंजन कुमार राय ने खुद को भगवान श्री कृष्ण के उत्साही भक्त और मित्र बताते हुए मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में वाद दायर किया है। वाद में मालिकाना हक लेने और पवित्र पूजा स्थल की खोई गरिमा पुनर्स्थापित करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं में से एक प्रशांत कुमार मूल रूप से यूनाइटेड किंगडम के रहने वाले हैं। उनके द्वारा प्रस्तुत किए प्रमाणों में दावा किया है कि शाही ईदगाह को मूल मंदिर के ऊपर बनाया गया था।

News World Desk

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