रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को सक्ति जिले के करिगांव में पीएम आवास योजना हितग्राही के घर पहुंचे। निर्माण कार्य की गुणवत्ता देखी। गांव में चौपाल लगाई। ग्रामीणों से मुख्यमंत्री ने सीधे संवाद किया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं बल्कि उन योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित कर प्रत्येक पात्र नागरिक तक पहुंचाना है। सुशासन का मूल आधार जनसुनवाई और जनसरोकार से जुड़ाव है। यह चौपाल उसी दिशा में एक कदम है।
महतारी वंदन योजना की ली जानकारी
चौपाल के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की लाभार्थी सोनाई बाई के निर्माणाधीन आवास पर पहुंचकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता देखी। परिवार से योजना से प्राप्त लाभों की जानकारी ली। हितग्राही से पूछा कि क्या उन्हें महतारी वंदन योजना के अंतर्गत सहायता राशि मिल रही है या नहीं। सोनाई बाई ने बताया कि उन्हें नियमित रूप से यह राशि प्राप्त हो रही है, जिससे उनके परिवार को आर्थिक सहयोग मिल रहा है।
सरकार सबको आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध
चौपाल में उपस्थित ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नए आवास की मांग रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार सबके लिए आवास उपलब्ध कराने प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सर्वेक्षण कार्य 15 मई 2025 तक चल रहा है, जिसमें वे सभी लोग अपना नाम दर्ज कराएं जो अब तक इस योजना से वंचित हैं। पात्रता के अनुसार सभी को आवास देने का कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी पात्र नागरिक आवास के अधिकार से वंचित न रहे। यह केवल एक छत देने की योजना नहीं बल्कि सम्मान और सुरक्षा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
सीएम ने चौपाल का उद्देश्य भी बताया
मुख्यमंत्री ने चौपाल के आयोजन का उद्देश्य भी बताया। उन्होंने कहा कि सुशासन केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह नागरिकों की भागीदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित शासन प्रणाली है। उन्होंने कहा कि चौपाल के माध्यम से हम सीधे लोगों के जीवन से जुड़कर यह जान पाते हैं कि योजनाएं वास्तव में लोगों के जीवन में क्या बदलाव ला रही हैं। उन्होंने कहा कि जब हम किसी हितग्राही के घर जाकर पूछते हैं कि पैसा आया या नहीं, जब हम स्वयं निर्माण कार्य की गुणवत्ता को देखते हैं, तभी हमें विश्वास होता है कि योजनाएं फाइलों से निकलकर हितग्राहियों तक पहुंच रही हैं।
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