शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और संतोषी माता की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से सुख, समृद्धि और वैवाहिक जीवन में शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। खासकर महिलाएं इस दिन व्रत रखकर संतोषी माता की पूजा करती हैं और परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं।
शुक्रवार पूजा की विधि: सुबह जल्दी स्नान कर घर की सफाई करें। साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर पूजा स्थल पर देवी लक्ष्मी या संतोषी माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। रोली, चावल, हल्दी, गुड़ और चने का भोग लगाएं। साथ ही माता को सफेद फूल और वस्त्र अर्पित करें। "श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद" मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
शुक्रवार व्रत का महत्व: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार को व्रत रखने से दरिद्रता का नाश होता है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। यह व्रत खासकर अविवाहित कन्याओं और गृहिणियों के बीच लोकप्रिय है। संतोषी माता की पूजा में खट्टा भोजन वर्जित होता है।
क्या करें और क्या न करें
इस दिन खट्टे भोजन से बचें।
माता को गुड़-चना का भोग लगाएं।
जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र का दान करें।
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