सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित हैं, जिनमें सोमवार का दिन भगवान शिव को अर्पित माना जाता है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखते हैं, पूजन करते हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। मान्यता है कि सोमवार को विधिपूर्वक पूजा करने से शिव कृपा से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। आइए जानते हैं सोमवार के दिन पूजा-पाठ का सम्पूर्ण विधि-विधान, व्रत की महत्ता और शुभ मुहूर्त।
सोमवार व्रत और पूजन का महत्व
शिवपुराण और स्कंदपुराण में वर्णित है कि जो भक्त सच्चे मन से सोमवार का व्रत करता है और शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है, उसकी मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है। विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं योग्य वर प्राप्ति के लिए सोमवार व्रत करती हैं।
सोमवार व्रत और पूजा की विधि
1. प्रात: काल स्नान कर संकल्प लें:
सोमवार व्रत के दिन प्रात:काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
एक शांत स्थान पर बैठकर व्रत का संकल्प लें: "ॐ नम: शिवाय। मैं भगवान शिव की कृपा प्राप्ति हेतु सोमवार का व्रत कर रहा/रही हूं।"
2. शिवलिंग का जलाभिषेक करें:
गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से पंचामृत तैयार करें।
शिवलिंग पर जल व पंचामृत से अभिषेक करें।
बेलपत्र, धतूरा, भांग, अक्षत, सफेद फूल, चंदन और फल अर्पित करें।
3. शिव चालीसा और मंत्र जाप करें:
शिव चालीसा, शिवाष्टक या रुद्राष्टक का पाठ करें।
कम से कम 108 बार ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
रुद्राभिषेक कराना अत्यंत फलदायी माना गया है।
4. व्रत कथा का श्रवण करें:
सोमवार व्रत की कथा पढ़ना या सुनना आवश्यक होता है।
इससे व्रत पूर्ण और फलदायी माना जाता है।
5. दिनभर व्रत रखें:
चाहें तो निर्जला व्रत करें या फलाहार लें।
शाम को पुनः शिवजी की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
शुभ मुहूर्त (6 मई 2025, सोमवार के लिए)
ब्राह्म मुहूर्त: प्रात: 04:00 से 05:00 तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:50 से 12:40 तक
शिव पूजा का उत्तम समय: प्रात: 06:00 से 09:00 तक और संध्या 06:00 से 08:00 तक
उपाय, जो दिलाएं विशेष फल
शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं, रोग और दोष से मुक्ति मिलेगी।
बेलपत्र पर "ॐ नमः शिवाय" लिखकर अर्पित करें, कार्यों में सफलता मिलेगी।
गरीबों को सफेद वस्त्र या खाद्य सामग्री का दान करें, पुण्य की प्राप्ति होगी।
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