ज्योतिष शास्त्र में भगवान सूर्य देवता को सभी ग्रहों का राजा कहा गया है। सूर्य ग्रह यश, बल और वैभव का प्रतीक होता हैं। यादि आप सूर्य देव की नियमित रूप से पूजा करेगें तो इससे आपका भाग्य उदय होगा। इसके साथ ही आपके जीवन में आपको तरक्की भी मिलती है। यादि किसी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह दोष हो तो वे प्रतिदिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना करे। भगवान सूर्य को अर्घ्य देते वक्त विशेष मंत्र का जाप भी करना चाहिए। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं जीवन से सभी तरह के कष्ट भी दूर होते है।
अपको बतादें कि, सूर्य देव के हर दिन दर्शन करने से आपकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। शास्त्रों के मुताबिक, सूर्य देव की कृपा पाने के लिए नियमित रूप से आप सूर्योदय के वक्त उन्हें एक लोटा जल अर्पित करें। इसके साथ में सूर्य देव के निम्न मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से मनुष्य के जीवन में सफलता के द्वार खुलते हैं। वही यश और मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।
सूर्य देव मंत्र
एहि सूर्य! सहस्त्रांशो! तेजो राशे! जगत्पते!
अनुकम्प्यं मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर!
इस मंत्र का जाप आप सूर्य भगवान को अर्घ्य देते वक्त करें। अपको बतादें कि, हमेशा उगते हुए सूरज को ही आप जल चढाएं। वहीं अर्घ्य देने के बाद तीन परिक्रमा ज़रूर लगाएं। इसके साथ में इस मंत्र का जाप कर धरती माता के चरण छुएं। शास्त्रों के मुताबिक, लाल कपड़े पहनकर यदि आप सूर्य देव को जल चढ़ाएंगे तो यह शुभ होता हैं। इसके साथ ही आप अर्घ्य देने से पहले लोटे के जल में रोली या फिर लाल चंदन भी डाल सकते हैं।
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