भोपाल। रवीन्द्र भवन में अमृत हरित महाअभियान पर केन्द्रित कार्यशाला को शुक्रवार को नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नगरों के कुल क्षेत्रफल का 20 से 25 प्रतिशत भाग समृद्ध हरित क्षेत्र होना चाहिए। कार्यशाला का उद्देश्य नगरीय क्षेत्रों में हरित क्षेत्र के विस्तार और पर्यावरण संरक्षण जुड़ी गतिविधियों और पहल का प्रसार करना है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि बढ़ती आबादी के दबाव की वजह से शहरों का पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। जरूरत इस बात की है कि जन भागीदारी से हम शहरों में हरित क्षेत्र को बढ़ाएं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पौधरोपण के साथ-साथ हम पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करें। आगामी बारिश के मौसम के दौरान जिन चिन्हित स्थानों पर पौधरोपण होना है, वहां व्यापक स्तर पर तैयारी की जाए। शासकीय भवन परिसर, कॉलेज एवं स्कूल परिसर के आस-पास पौधरोपण किया जाए।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से जिन पेड़ों को आस्था के साथ लगाया जाता रहा है, हम उनको स्थानीय परिस्थिति के अनुसार ज्यादा संख्या में लगा सकते हैं। इनमें आम, जामुन, पीपल, नीम इत्यादि हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे काम करने वाले नगरीय निकायों को पुरस्कृत किए जाने की भी पहल की जाना चाहिए। कार्यशाला में सभी नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सभी नगरीय निकायों में एक करोड़ पौधरोपण की योजना
कार्यशाला में नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त संकेत भोंडवे ने कहा कि वर्षा काल के दौरान प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में एक करोड़ पौधरोपण का कार्यक्रम तैयार किया गया है। व्यापक पौधरोपण और वृक्षों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शत-प्रतिशत जनभागीदारी से सफल हो सकती है। पौधरोपण के साथ उनकी सुरक्षा से जुड़ी 3 वर्ष की कार्य योजना बनाये जाना भी जरूरी है। आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक नगर परिषद में एक लाख, नगर पालिका में 5 लाख और नगर निगम में 15 से 20 लाख पौधरोपण की योजना तैयार की जाए।
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में 11 लाख पौधे लगाने की तैयारी
आयुक्त ने कहा कि पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में वर्षा काल के इस सीजन में 11 लाख पौधरोपण की योजना तैयार की गई है। इसी तरह की योजना मंडीदीप सहित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी बनाई जा रही है। आयुक्त ने कहा कि हमें अमृत मित्र तैयार करने होंगे, जो इस कार्य में सहयोग करेंगे।कार्यशाला में अपर आयुक्त कैलाश वानखेड़े, आईआईएफएम के डॉ. योगेश दुबे ने शहरी अधोसंरचना में नीली-हरी अवसंरचना का प्रबंधन, एप्को के रामरतन ने जलवायु परिवर्तन, एसपीए भोपाल के श्री सौरभ पोपली ने शहरी स्थल पर हरित प्रणाली, अपर आयुक्त टीना यादव ने पर्यावरण संरक्षण संबंधित कानून और प्रमुख अभियंता प्रदीप मिश्रा ने नगर वनों के विकास की जानकारी दी।
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