बुरहानपुर। मां की ममता को शायद कोई ताकत नहीं हरा सकती — न भूख, न लाचारी और न ही लालच। कुछ ऐसा ही हुआ बुरहानपुर जिले के देड़तलाई कस्बे में, जहां काम की तलाश में महाराष्ट्र से आई एक आदिवासी महिला से दो युवकों ने उसका एक माह का मासूम बेटा 10 हजार रुपए में खरीद लिया। लेकिन जब गोद सूनी हुई, तो ममता तड़प उठी — और आखिरकार मां की पुकार पुलिस तक पहुंची।
ये है मामला: काम मांगने आई थी, भूखी थी… और गोद में था बच्चा
महाराष्ट्र के अमरावती जिले के धारणी गांव की एक आदिवासी महिला रविवार को अपने तीन छोटे बच्चों के साथ बुरहानपुर के देड़तलाई गांव स्थित एक ढाबे पर काम मांगने पहुंची थी। गोद में एक नवजात और साथ में दो बेटियां। काम नहीं मिला और भूख ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। इसी हालत में दो युवकों ने महिला की मजबूरी का फायदा उठाया और उसे पैसे और काम का लालच देकर उसका नवजात बेटा 10 हजार रुपए में ले लिया।
पुलिस ने ऐसे किया बच्चे का रेस्क्यू, एक आरोपी गिरफ्तार, दूसरा फरार
बच्चे से जुदाई के बाद जब मां की ममता ने जोर मारा, तो उसने आरोपी युवकों से बच्चा लौटाने की मिन्नतें कीं — लेकिन उन्होंने मना कर दिया। अंततः पीड़िता ने पुलिस से संपर्क किया। खकनार पुलिस हरकत में आई और त्वरित दबिश देकर एक आरोपी कलीम को गिरफ्तार किया। उसका साथी इम्तियाज खान फरार हो गया है।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने नवजात बच्चे को सकुशल उसकी मां के सुपुर्द कर दिया।
मानव तस्करी की धाराओं में केस दर्ज, आरोपी पहले भी हैं अपराधी
पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी और धोखाधड़ी से जुड़ी धाराओं में केस दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार, दोनों युवकों के खिलाफ पहले से भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। पुलिस अब यह जांच रही है कि कहीं यह कोई संगठित मानव तस्करी गिरोह तो नहीं।
पति शराबी, घर में न रोजगार, न रोटी… फिर भी मां बनी ममता की मिसाल
वन स्टॉप सेंटर में की गई काउंसलिंग में महिला ने बताया कि उसका पति नशे का आदी है और घर में न रोजगार है, न कोई सहारा। बच्चों के भूखे पेट ने उसे मजबूर कर दिया, लेकिन जैसे ही बेटे से बिछड़ने का एहसास हुआ, वह टूट गई — और अपनी आखिरी ताकत जुटाकर पुलिस के पास पहुंची।
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