भोपाल: भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए, एम्स भोपाल ने नागरिकों से अपील की है कि वे गर्मियों में त्वचा से संबंधित रोगों से बचने के लिए उचित देखभाल की आदतें अपनाएं। इस विषय में चर्म रोग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. मनीष खंडारे ने बताया कि अत्यधिक गर्मी, पसीना और लंबे समय तक सूर्य के संपर्क में रहने से त्वचा की कई समस्याएं हो सकती हैं, विशेषकर जब स्किन केयर की अनदेखी की जाती है।
बाहर निकलने पर सनस्क्रीन का करें प्रयोग
एम्स भोपाल ने सुझाव दिया है कि लोग गर्मी के मौसम में ढीले, सूती और सांस लेने योग्य कपड़े पहनें, अत्यधिक पसीने के बाद स्नान करें, भारी और तैलीय सौंदर्य प्रसाधनों से बचें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और व्यक्तिगत वस्तुएं जैसे तौलिए साझा न करें। गर्मी में त्वचा की देखभाल के लिए यह जरूरी है कि दिन में दो बार सौम्य, पीएच संतुलित क्लींजर से चेहरा साफ करें, हल्का और नॉन-कॉमेडोजेनिक मॉइश्चराइज़र लगाएं, और एसपीएफ 30 या उससे अधिक वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन इस्तेमाल करें। बाहर रहने पर हर दो घंटे में सनस्क्रीन दोबारा लगाना चाहिए। रात में चेहरा साफ करके हाइड्रेटिंग मॉइश्चराइज़र लगाना भी फायदेमंद है। कुछ आम गलतियां जो लोग करते हैं, उनमें बादल वाले दिनों में सनस्क्रीन न लगाना, त्वचा को बार-बार या कठोरता से रगड़ना और भारी क्रीमों का उपयोग करना शामिल हैं, जो त्वचा की समस्याएं बढ़ा सकती हैं।
इस विषय पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “गर्मी के मौसम में लोग त्वचा की देखभाल को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि उच्च तापमान और यूवी किरणें त्वचा की सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। एम्स भोपाल समय पर सावधानी बरतने और नियमित स्किन केयर दिनचर्या अपनाने की आवश्यकता पर बल देता है। यदि लक्षण बने रहें या बढ़ जाएं, तो जटिलताओं से बचने हेतु तुरंत त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करें।” एम्स भोपाल जनस्वास्थ्य जागरूकता के लिए प्रतिबद्ध है और नागरिकों से अपील करता है कि वे गर्मी के मौसम में त्वचा की उचित देखभाल अपनाकर एक सुरक्षित और रोग-मुक्त ग्रीष्मकाल बिताएं।
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