पचमढ़ी। मध्यप्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में भारतीय जनता पार्टी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शनिवार से शुरू हो रहा है। शिविर का उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दोपहर 3 बजे करेंगे, जबकि समापन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 16 जून को करेंगे।
इस प्रशिक्षण वर्ग में बीजेपी के सभी सांसद, विधायक, कैबिनेट मंत्री और संगठन के प्रमुख नेता भाग ले रहे हैं। कुल 201 प्रतिनिधि इस ट्रेनिंग में हिस्सा लेंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित राज्य सरकार के सभी मंत्री शिविर में पूरे समय मौजूद रहेंगे।
प्रमुख अतिथियों की सूची
अमित शाह (गृहमंत्री) – उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता
राजनाथ सिंह (रक्षामंत्री) – समापन सत्र के मुख्य अतिथि
बीएल संतोष, भूपेंद्र यादव, सीआर पाटिल, शिवराज सिंह चौहान – मार्गदर्शक वक्ता
विनोद तावड़े, डॉ महेंद्र सिंह, शिवप्रकाश – सत्र संचालक
शिविर के प्रमुख नियम और कार्यक्रम
सांसद-विधायक मोबाइल नहीं रख सकेंगे
मोबाइल फोन शिविर के दौरान साइलेंट मोड में एक निर्धारित स्थान पर जमा कराए जाएंगे।
सुबह 6 बजे उठना अनिवार्य, 7-8 बजे योग और प्रार्थना सत्र
प्रशिक्षण में पार्टी की विचारधारा, कार्यपद्धति, समय प्रबंधन और जनसंपर्क तकनीक पर सेशन
सभी प्रतिनिधि 13 जून की रात तक पचमढ़ी पहुंच चुके हैं
प्रदर्शनी और पौधरोपण अभियान भी
"एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत सभी सांसद-विधायक एक-एक पौधा लगाएंगे
शिविर स्थल पर विशेष प्रदर्शनी –
➡️ पीएम मोदी सरकार के 11 वर्षों की उपलब्धियां
➡️ जनसंघ से लेकर आज तक भाजपा की संगठन यात्रा
➡️ दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत
पहले दिन के सत्र
1. "हमारा विचार और पंच निष्ठा"
वक्ता: डॉ. महेन्द्र सिंह और गोपाल भार्गव
2. "बीजेपी की कार्यपद्धति"
वक्ता: वीडी शर्मा और बंशीलाल गुर्जर
3. मोबाइल मैनेजमेंट, टाइम मैनेजमेंट और पब्लिक डीलिंग पर विशेष प्रशिक्षण
दूसरे दिन सांसद-विधायकों को बांटा जाएगा तीन ग्रुप में
ग्रुप 1: पहली-दूसरी बार के विधायक
वक्ता: सुधीर गुप्ता, सीता शरण शर्मा
ग्रुप 2: वरिष्ठ विधायक
वक्ता: डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, प्रदीप लारिया, हरिशंकर खटीक
ग्रुप 3: राज्यसभा-लोकसभा सांसद
वक्ता: केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक, राज्य मंत्री दुर्गादास ऊईके
पार्टी के लिए गंभीर तैयारी का मंच
बीजेपी का यह प्रशिक्षण वर्ग न केवल पार्टी की रीति-नीति को सशक्त करने का मंच है, बल्कि आने वाले समय में चुनावी तैयारियों और संगठन की जमीनी ताकत को मज़बूती देने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
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