भोपाल। मध्यप्रदेश की सड़कों पर अब तेज़ी से बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। कहीं हाईवे की लंबाई घटाई जा रही है, तो कहीं घाटों और बांधों के ज़रिए नए विकास की नींव रखी जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि अब सड़कें सिर्फ कंक्रीट की नहीं, बल्कि भविष्य की सोच के साथ टिकाऊ और तकनीकी दृष्टि से सुसज्जित हों। 3,000 करोड़ से ज्यादा के कार्य पहले ही पूरे हो चुके हैं, और अब राज्य को 1425 किमी नई सड़कों का तोहफा मिलने जा रहा है।
सड़क निर्माण में गुणवत्ता, पारदर्शिता और भविष्य की जरूरतों पर ज़ोर
सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सड़कें टिकाऊ हों, आधुनिक हों और पर्यावरणीय मानकों पर खरी उतरें। उन्होंने कहा कि तय समय-सीमा के भीतर कार्य पूरे किए जाएं ताकि जनता को जल्दी सुविधाएं मिलें।
भोपाल-जबलपुर हाईवे की दूरी होगी कम
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 46 पर प्रस्तावित नए एलाइन्मेंट की कार्रवाई से भोपाल-जबलपुर के बीच सफर और छोटा हो जाएगा। इससे न केवल समय बचेगा, बल्कि ट्रैफिक दबाव भी कम होगा।
1425 किमी सड़कों पर खर्च होंगे 3134 करोड़ रुपए
मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने वर्ष 2024-25 में 1425 किमी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए 3134 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं, साथ ही 3443.72 करोड़ की निविदाएं भी जारी हो चुकी हैं।
बीपीसीएल जल परियोजना से विदिशा-सागर को मिलेगा फायदा
बीपीसीएल की पेट्रोकेमिकल परियोजना के लिए विदिशा और सागर में 42.94 मिलियन घन मीटर जल संग्रहण क्षमता वाला बांध बनाया जाएगा। इसमें 6.6 किमी पाइपलाइन, पंप हाउस, इंटेकवेल सहित पावर सपोर्ट सिस्टम शामिल है।
उज्जैन में घाटों और स्टॉप डेम्स का निर्माण होगा
गोठड़ा से शनि मंदिर तक कान्ह और क्षिप्रा नदी के किनारे घाटों और स्टॉप डेम्स का निर्माण होगा। 30 माह में पूरी होने वाली इस परियोजना से धार्मिक पर्यटन और जल प्रबंधन दोनों को बल मिलेगा।
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