भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में छात्राओं से जुड़े बलात्कार और ब्लैकमेलिंग के सनसनीखेज केस में अब आर्थिक फंडिंग को लेकर बड़े खुलासे सामने आए हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की जांच में पाया गया है कि मुख्य आरोपी फरहान खान के बैंक खातों में पिछले ढाई सालों में लगभग 50 लाख रुपये का संदिग्ध लेनदेन हुआ है। जांच में सामने आया है कि इन रुपयों से महंगी गाड़ियां खरीदी गईं, आलीशान होटलों में बड़ी रकम खर्च की गई और इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है।
गाड़ियों के कारोबार की आड़ में 'काला कारोबार'?
जांच एजेंसियों के अनुसार फरहान खान पुरानी गाड़ियां खरीदने और बेचने का धंधा करता था। इसमें उसका साथ देता था अतीक नामक युवक, जिसके नाम पर पुलिस ने 6 गाड़ियां जब्त की हैं। महिला आयोग को संदेह है कि ये लेनदेन किसी आपराधिक नेटवर्क या ड्रग ट्रैफिकिंग से संबंधित हो सकते हैं।
पुलिस की चुप्पी, महिला आयोग का संदेह
इस मामले में एक महीने की जांच के बाद भी पुलिस ने फंडिंग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
हालांकि, राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने आशंका जताई है कि फरहान और उसके साथियों को विदेशी फंडिंग भी मिली हो सकती है।
आयोग की टीम ने सौंप दी रिपोर्ट
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम 3 से 5 मई के बीच भोपाल में थी। इस टीम में शामिल थीं:
निर्मल कौर (पूर्व डीजीपी, झारखंड)
वकील निर्मला नायक
आशुतोष पांडे
टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री और राज्यपाल को सौंप दी है। रिपोर्ट में न केवल फंडिंग की बात कही गई है, बल्कि मामले को अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ने की आशंका भी जताई गई है।
अब तक 5 आरोपी गिरफ्तार, एक फरार
भोपाल पुलिस ने अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी अब भी फरार है। रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि मामले को NIA या ED जैसी केंद्रीय एजेंसियों को सौंपकर विदेशी फंडिंग और नेटवर्क की गहन जांच कराई जाए।
क्या कहता है यह मामला?
यह केस अब सिर्फ यौन अपराध नहीं बल्कि आर्थिक अपराध, ड्रग्स और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग के संभावित नेटवर्क की ओर इशारा कर रहा है।
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