भोपाल। मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) ने 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव किया है। अब बोर्ड एग्जाम साल में दो बार आयोजित किए जाएंगे — पहली परीक्षा फरवरी-मार्च, और दूसरी परीक्षा जुलाई-अगस्त में होगी। यह व्यवस्था कॉलेज सेमेस्टर सिस्टम की तर्ज पर लागू की गई है और इसका लाभ छात्रों को कई स्तरों पर मिलेगा।
क्या है नई परीक्षा प्रणाली?
➡️ पहली परीक्षा: फरवरी-मार्च
➡️ दूसरी परीक्षा (द्वितीय अवसर): जुलाई-अगस्त
➡️ सप्लीमेंट्री परीक्षा पूरी तरह समाप्त कर दी गई है।
➡️ बदलाव 2024-25 शैक्षणिक सत्र से लागू होंगे।
किन्हें मिलेगा दूसरी परीक्षा में बैठने का मौका?
✔️ जो छात्र पहली परीक्षा में फेल या अनुपस्थित रहे।
✔️ जो सभी विषयों में पास हो गए हैं, वे अंक सुधार के लिए भी बैठ सकते हैं।
✔️ द्वितीय परीक्षा में वही विषय देने होंगे जो पहली बार दिए गए थे, विषय बदलने की अनुमति नहीं होगी।
कैसे तैयार होगा फाइनल रिजल्ट?
⬆️ दोनों परीक्षाओं में से जिसमें ज्यादा अंक होंगे, उसी को वार्षिक परिणाम में जोड़ा जाएगा।
⬆️ इससे छात्रों को सिर्फ एक मौके पर निर्भर रहने की मजबूरी नहीं रहेगी।
छात्रों को मिलेगा अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश
☑️ द्वितीय परीक्षा तक जिन छात्रों का परिणाम रुका होगा, उन्हें अस्थायी रूप से अगली कक्षा में प्रवेश मिल सकेगा।
☑️ परीक्षा पास होने पर उनकी उपस्थिति वैध मानी जाएगी।
छात्रों की संख्या और तैयारी
✅ इस साल MP Board की परीक्षा में लगभग 17 लाख विद्यार्थी शामिल हुए हैं।
✅ जुलाई में होने वाली द्वितीय परीक्षा उन्हीं विद्यार्थियों के लिए होगी, जो पहली परीक्षा में शामिल हुए हैं।
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