भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासी ज़मीन पर एक बार फिर से प्रशासनिक हलचल देखने को मिली है। मंत्रियों के दायित्वों में बड़ा बदलाव करते हुए राज्य सरकार ने तीन प्रमुख चेहरों की जिलों की जिम्मेदारी में फेरबदल किया है। इस बदलाव के पीछे प्रशासनिक दक्षता और क्षेत्रीय संतुलन का हवाला दिया जा रहा है, लेकिन यह फेरबदल आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
मध्यप्रदेश सरकार ने मंत्रियों की जिलों के प्रभार में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत तीन मंत्रियों – इंदर सिंह परमार, गौतम टेटवाल और दिलीप जायसवाल – को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
इंदरसिंह परमार, जो प्रदेश के उच्च शिक्षा, आयुष और तकनीकी शिक्षा विभाग संभाल रहे हैं, अब दमोह जिले के प्रभारी मंत्री होंगे। बड़वानी जिला, जो पहले उनके पास था, अब उनसे ले लिया गया है, जबकि पन्ना जिला पहले की तरह उनके पास ही रहेगा।
दिलीप जायसवाल, जो कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री हैं, को सीधी के साथ-साथ अब मंडला जिले की भी जिम्मेदारी दी गई है।
वहीं, गौतम टेटवाल, जो कौशल विकास और रोजगार विभाग के मंत्री हैं, को बड़वानी जिले का प्रभार सौंपा गया है। पहले यह प्रभार इंदरसिंह परमार के पास था।
सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव अजय कटेसरिया ने इस बदलाव को लेकर आदेश भी जारी कर दिए हैं।
आदेश के अनुसार नया दायित्व
इंदर सिंह परमार – पन्ना (यथावत), दमोह (नया)
गौतम टेटवाल – उज्जैन (यथावत), बड़वानी (नया)
दिलीप जायसवाल – सीधी (यथावत), मंडला (नया)
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