भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने "हिंद के संत" नामक विशेष पुस्तक का लोकार्पण किया। यह पुस्तक न केवल भारत के महान सिंधी संतों की जीवनी और चमत्कारों को सामने लाती है, बल्कि ईश्वर तक पहुँचने का आध्यात्मिक मार्ग भी आमजन को बताती है।
दरअसल मंगलवार को भाजपा प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी के नेतृत्व में सिंधी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाक़ात की, इस दौरान पुस्तक का विमोचन सीएम मोहन यादव ने किया। पुस्तक के लेखक अशोक छाबरिया हैं, जिन्होंने इसे “युवा पीढ़ी के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत” बताते हुए कहा कि आज जब समाज अपने सनातन संतों को भूलता जा रहा है, ऐसे में यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगी।
पुस्तक की विशेषताएं
27 प्रसिद्ध सिंधी संतों की विस्तृत जीवनियाँ
316 संतों की संकलित सूची
संतों के चमत्कार और उपदेश
ईश्वर प्राप्ति के सरल और व्यावहारिक मार्ग
संत परंपरा से जोड़ती है 'हिंद के संत' पुस्तक : सीएम
मुख्यमंत्री ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा, "ऐसी रचनाएं न केवल धार्मिक चेतना जगाती हैं, बल्कि समाज को मूल संस्कृति और संत परंपरा से जोड़ती हैं। युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक रूप से सशक्त करने में यह पुस्तक अहम भूमिका निभाएगी।”
सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना का एक आध्यात्मिक आंदोलन है : दुर्गेश केसवानी
वहीं डॉ. दुर्गेश केसवानी ने कहा, ‘हिंद के संत’ केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि यह हमारी सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना का एक आध्यात्मिक आंदोलन है। आज जब युवा पीढ़ी आधुनिकता की दौड़ में अपनी जड़ों से कटती जा रही है, तब ऐसे ग्रंथ उन्हें अपने मूल, अपनी परंपरा और संतों की दिव्य चेतना से जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं। लेखक अशोक छाबरिया जी का यह प्रयास अनुकरणीय है। उन्होंने उन महान सिंधी संतों के जीवन, उपदेश और चमत्कारों को संजोकर नई पीढ़ी के सामने प्रस्तुत किया है, जिन्हें समय की धूल ने कहीं छिपा दिया था। यह कार्य केवल साहित्यिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जागरण का आह्वान है। हम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के आभारपूर्ण हैं कि उन्होंने इस प्रयास को अपनी गरिमामयी उपस्थिति और आशीर्वाद से प्रोत्साहित किया। भाजपा सदैव ऐसे प्रयासों के साथ खड़ी है, जो भारत की आत्मा – उसकी आध्यात्मिक विरासत – को जीवित रखते हैं।”
इस मौके पर भोपाल सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील जैन, समाजसेवी अनिल मोटवानी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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