भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को उज्जैन में कलेक्टर कार्यालय सभागृह में सिंहस्थ के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि सिंहस्थ-2028 की तैयारी में साधु संत और श्रद्धालुओं की भावनाओं को सर्वोपरि रखकर कार्य योजना बनाई जाए। सभी कार्य समय सीमा में गुणवत्ता और मापदंडों के अनुसार हो। सभी निर्माण एजेंसियां समन्वय बनाकर कार्य करें, जिससे श्रद्धालुओं को सिंहस्थ का अनुभव आस्थामय, भव्य और अलौकिक हो।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए कि सभी कार्यों की मॉनिटरिंग आधुनिक तकनीकी के माध्यम से की जाए, जिससे कार्य की भौतिक प्रगति के साथ कार्य की गुणवत्ता का आंकलन भी हो सके। सिंहस्थ अंतर्गत रेलवे से समन्वय बनाकर शासन के सभी आवश्यक विभाग इंटीग्रेटेड कार्य योजना बनाएं, जिससे श्रद्धालुओं को आवागमन में समस्या न हो। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मुख्य देव-स्थानों को जल्द ही देवलोक के रूप में विकसित करने की कार्य योजना बनाएं।मालवा क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
मेडिकल टूरिज्म का हब बनाया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मेले में आर्मी भी मौजूद रहेगी। उज्जैन में न्यायपालिका की ओर से भी भी न्यायिक संस्था शुरू की जाएगी। उन्होंने इसके लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए जिले को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने के लिए योगा, वेलनेस, नेचुरोपैथी, एलोपैथी और आयुर्वेद के केंद्रों के साथ मेडिकल डिवाइस उद्योग, फार्मा कंपनियों और मेडिकल रिसर्च संस्थाओं को साथ लेकर एकीकृत कार्ययोजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नगर निगम और अन्य संस्थाएं भी अपने मद से किए जाने वाले शहर के कार्य निरंतर करें।
सिंहस्थ की तैयारियों की स्थिति बताई गई
बैठक में संभागायुक्त संजय गुप्ता, सिंहस्थ मेंला अधिकारी आशीष सिंह और कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने जानकारी दी कि सिंहस्थ कार्य योजना में अबतक 153 कार्य स्वीकृत व प्रगतिरत है। जिनकी लागत राशि 23,332 करोड़ रुपए है। जिसमें सिंहस्थ मद से 3,728 करोड़ के 78 कार्य और विभागीय मद से 19,604 करोड़ के राशि के कार्य हैं। अब तक 27 कार्य प्रारंभ हो चुके है, 94 कार्य निविदा प्रक्रियाधीन है और 32 कार्य प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज का निर्माण 592.3 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। अब तक 4.5 प्रतिशत भौतिक कार्य पूर्ण हो चुका है । जल संसाधन विभाग के 778.91 करोड़ की लागत राशि से घाट निर्माण संबंद्ध कार्य, 920 करोड़ की लागत राशि का कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना में 31.70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। 614.53 करोड़ की सेवरखेडी-सिलारखेड़ी परियोजना में 23.60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है । बाकी काम भी बताए गए।
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