भोपाल। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंगलवार को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि विभागीय अधिकारी बारिश से पहले सभी बांधों का निरीक्षण करें और आवश्यकतानुसार सुधार कार्य कर लिए जाएं। सभी बांधों के गेट्स का मेंटीनेंस कर उन्हें क्रियाशील स्थिति में रखा जाए।बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे कार्य सुनिश्चित किया जाए।
मंत्री ने निर्देश दिए कि बारिश के दौरान जब भी डैम से पानी छोड़ने की स्थिति बने जिले के सभी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं को अग्रिम सूचना दे दी जाए। जिन स्थानों पर पानी छोड़ा जा रहा है, वहां जन सामान्य को पर्याप्त समय पूर्व पानी छोड़ने की सूचना अनिवार्य रूप से दी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विभागीय मैन्युअल के अनुसार वर्षा पूर्व निरीक्षण प्रतिवेदन विभागीय पोर्टल पर दर्ज किए जाएं और केंद्र सरकार की ओर से लागू डैम सेफ्टी एक्ट के अंतर्गत चिन्हित राज्यों के बांधों से संबंधित प्रतिवेदन भी समय पर भारत सरकार के पोर्टल पर दर्ज किए जाएं।
निरीक्षण दल गठित कर नियमित मॉनीटरिंग हो
प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा ने वर्षा ऋतु से पूर्व बांधों की सुरक्षा और संभावित आपदा स्थितियों से निपटने संबंधी विभागीय योजना और विभाग की ओर से किए गए जल संरक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर 24 घंटे क्रियाशील किया जाए। साथ ही निरीक्षण दल गठित कर नियमित मॉनीटरिंग हो। बारिश के दौरान कोई भी अधिकारी बगैर सक्षम अधिकारी की अनुमति के मुख्यालय न छोड़े।
जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम की मांगी रिपोर्ट
मंत्री ने निर्देश दिए कि विभाग की ओर से संचालित जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम को आगामी 14 दिनों में पूरी गति से क्रियान्वित किया जाए। कार्यक्रम की समाप्ति के 3 दिन बाद विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
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