भोपाल। सरकारी कॉलोनियों का दौर अब बीते दिनों की बात होने जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार की "एकीकृत टाउनशिप नीति-2025" लागू होते ही भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) और हाउसिंग बोर्ड जैसी एजेंसियों की सीधी भूमिका खत्म हो जाएगी। अब निजी बिल्डर्स शहरों में बड़ी टाउनशिप बसाएंगे — वो भी किफायती मकानों के साथ। सरकार देगी इंफ्रास्ट्रक्चर और मंजूरी, बाकी काम निजी डेवलपर्स का होगा।
क्या है नई टाउनशिप नीति-2025?
➡️ कम से कम 40 हेक्टेयर ज़मीन पर निजी रियल एस्टेट कंपनियों को टाउनशिप बनाने की मंजूरी।
➡️ सरकार देगी रोड, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं।
➡️ राज्य और जिला स्तर पर बनी कमेटियां तय करेंगी कि किसे मंजूरी मिलेगी।
कहां बनेंगी नई टाउनशिप?
➡️ भोपाल के भेल, बैरागढ़, करोद, कोलार क्षेत्रों में 500 हेक्टेयर जमीन खाली — यहां बनेगा नया सेटेलाइट शहर।
➡️ सड़कें होंगी 18 मीटर और 30 मीटर चौड़ी, जिनके आसपास बसेंगी नई कॉलोनियां।
ज़मीन मालिकों को भी फायदा!
➡️ लैंड पुलिंग नियमों में बदलाव: अब ज़मीन मालिक भी खुद टाउनशिप डेवलप कर सकते हैं।
➡️ इससे स्थानीय निवेश को मिलेगा बढ़ावा और मुनाफा भी सीधे ज़मीन मालिकों को मिलेगा।
सुविधाएं और प्रक्रिया
➡️ राज्य सरकार करेगी भूमि अधिग्रहण में मदद।
➡️ इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च उठाएगी सरकार।
➡️ एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली (Single Window Clearance) से डेवलपर्स को समय पर जरूरी अनुमतियां मिलेंगी।
कहां लागू नहीं होगी नीति?
यह नीति इन क्षेत्रों में लागू नहीं होगी:
➡️ अधिसूचित वन, जल निकाय, नेशनल पार्क, वाइल्डलाइफ सेंचुरी
➡️ रक्षा क्षेत्र, छावनी बोर्ड, एसईजेड और पुरातात्विक/ऐतिहासिक स्थल
➡️ खदान व खनन क्षेत्र, पर्यावरण-संवेदनशील ज़ोन, वन्यजीव गलियारे
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