भोपाल। मध्यप्रदेश के पटवारियों की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली हैं। अब न सिफारिश चलेगी, न संबंध काम आएंगे। सरकार ने ऐसा 'खेल' खेला है कि अब पटवारी अपने ही गांव में पदस्थ होने का सपना भी नहीं देख सकते। राज्य सरकार की नई तबादला नीति ने साफ कर दिया है कि अब सख्ती से ही चलेगा सिस्टम।
होम टाउन पोस्टिंग पर पूर्ण रोक, सरकार ने अपनाया सख्त रुख
मध्यप्रदेश सरकार ने पटवारियों के तबादलों पर कड़ा रुख अपनाया है। नई तबादला नीति के तहत अब किसी भी पटवारी को उसके होम टाउन में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी। राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला शासन प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए लिया गया है।
लोकायुक्त में प्रकरण तो तबादला नहीं
नई पॉलिसी के अनुसार जिन पटवारियों पर लोकायुक्त में आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं, वे तबादले के योग्य नहीं होंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों को कोई राहत न मिले।
जिला आवंटित हुआ तो करनी होगी अनिवार्य उपस्थिति
राजस्व विभाग के निर्देश अनुसार, एक बार किसी पटवारी को जिला आवंटित कर दिया गया तो उसे हर हाल में वहीं उपस्थित होना होगा। इस नियम से मनमानी और राजनीतिक हस्तक्षेप पर लगाम लगाने की कोशिश की गई है।
तबादले में भी लागू होगा आरक्षण रोस्टर
तबादलों के दौरान जिला स्तरीय पदों की स्वीकृत संख्या और आरक्षण रोस्टर का सख्ती से पालन होगा। कोई भी तबादला खाली पदों की उपलब्धता के अनुसार ही किया जाएगा।
हजारों पटवारी होंगे प्रभावित, बड़े फेरबदल की तैयारी
प्रदेश भर में पटवारियों की शिकायतों की भरमार को देखते हुए सरकार अब व्यापक फेरबदल की तैयारी में है। हजारों पटवारियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी, जिससे विभागीय व्यवस्था को नया स्वरूप मिलेगा।
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