भोपाल। गर्मी की तपिश से बेहाल मध्यप्रदेश में आखिरकार इंद्रदेव की कृपा हो ही गई! सोमवार की दोपहर मौसम का मिज़ाज ऐसा बदला कि आसमान से बरसती बूंदों ने लोगों को राहत की सांस दे दी। मानसून ने पश्चिमी जिलों से ज़ोरदार एंट्री की है और खंडवा में इसकी पहली झलक झमाझम बारिश के साथ दिखाई दी। इस बारिश ने सिर्फ मौसम ही नहीं, लोगों के मूड को भी तरोताज़ा कर दिया है।
मौसम वैज्ञानिक अभिजीत चक्रवर्ती ने पुष्टि करते हुए बताया कि मानसून ने गुजरात के बेरावल और भावनगर से होता हुआ खंडवा सहित प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में प्रवेश किया है। खंडवा में दिनभर हुई भारी बारिश ने साफ कर दिया कि मानसून पूरे जोश के साथ एमपी में दाखिल हो चुका है।
हालांकि, इस बार मानसून एक दिन की देरी से पहुंचा है। पिछले साल यह 21 जून को आया था और 6 दिन लेट था, जबकि इस बार केवल एक दिन पीछे रहकर 16 जून को खंडवा पहुंचा। प्रदेश में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि 15 जून मानी जाती है।
इस बार मानसून ने पूरे देश में अपेक्षा से पहले दस्तक दी थी, जिससे उम्मीद थी कि यह एमपी में भी जल्द आ जाएगा। लेकिन, महाराष्ट्र में मानसून के ठहराव के कारण इसमें देरी हुई। बीते दो-तीन दिनों से गतिविधियां तेज हुईं और आखिरकार आज वह घड़ी आ ही गई जब प्रदेश में मानसून छा गया।
प्रदेश के बड़वानी, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, टीकमगढ़, अशोकनगर और रीवा समेत कई जिलों में सोमवार दोपहर से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। किसान, आमजन और प्रशासन तीनों ही अब मानसून की आगे की चाल पर नज़रें गड़ाए हुए हैं।
IMD (भारतीय मौसम विभाग) ने इस बार प्रदेश में जून से सितंबर तक 104 से 106% बारिश होने की संभावना जताई है। इसका मतलब है कि 40 इंच या उससे अधिक वर्षा हो सकती है। यह अनुमान 27 मई को जारी किया गया था, जो अब सटीक होता दिख रहा है।
Comments
Add Comment