भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में 'ग्रामीण रंग पर्यटन संग' राज्य स्तरीय उत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल्द ही उत्तराखंड की तर्ज पर स्टेट टूरिज्म बोर्ड के माध्यम से पर्यटकों के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस शुरू की जाएगी। इसके लिए टेंडर दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्रामीण पर्यटन आत्मनिर्भरता और आत्म गौरव का प्रभावी माध्यम है। ग्राम स्तर पर पर्यटन गतिविधियों से जहां युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक उन्नति के अवसर उपलब्ध होते हैं, वहीं पर्यटन गतिविधियां, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, तीज-त्योहार-पर्व और खानपान को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक होती हैं। प्रदेश में विकसित हो रहे होम-स्टे भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के "अतिथि देवो भव:" के भाव को चरितार्थ करने का माध्यम बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम-स्टे संचालनकर्ता और राज्य सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश में आने वाले सभी अतिथि प्रदेश के बारे में सकारात्मक छवि और अच्छी स्मृतियां साथ लेकर जाएं। पर्यटन के साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य विभाग आदि समन्वित रूप से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने चाक पर मिट्टी की कलाकृतियां बनाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्रामीण पर्यटन पर केंद्रित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ग्रामीण रंग पर्यटन संग उत्सव के अंतर्गत विभिन्न जिलों के प्रतिभागियों और संस्थाओं की प्रदर्शनी को देखा। साथ ही चाक पर मिट्टी की कलाकृतियां भी बनाई। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन के लिए डेडिकेटेड माइक्रो वेबसाइट लॉन्च की और प्रदेश के विभिन्न गांवों में निर्मित 241 होम-स्टे का वर्चुअल लोकार्पण किया।
10 जिला कलेक्टरों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होम-स्टे निर्माण में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने वाले नर्मदापुरम, आगर, छतरपुर, निवाड़ी, मुरैना, सीहोर, सीधी और पन्ना सहित 10 जिला कलेक्टरों को सम्मानित किया। प्रदेश के 37 जिलों में होम-स्टे निर्मित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जिलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने में सहयोग प्रदान करने के लिए 16 ग्राम पंचायतों के सरपंच और डीएटीसीसी सहित संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। छिंदवाड़ा समेत अन्य जिलों के होम-स्टे संचालकों से संवाद भी किया।
चार साल में पर्यटकों की संख्या में 526 फीसदी बढ़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में 2020 की तुलना में 2024 में 526 फीसदी अधिक पर्यटक आए। ओरछा, खजुराहो के अलावा प्रदेश में कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ आने वालों की संख्या बढ़ी है। देश के 5 सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय उद्यानों में यह तीनों स्थान शामिल हैं। देश के राष्ट्रीय उद्यानों में कान्हा को शीर्ष स्थान मिला है। दुनिया में सबसे ज्यादा टाइगर (बाघ) भारत और भारत में सबसे ज्यादा टाइगर मध्यप्रदेश में हैं। यह प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है। प्रदेश में गिद्ध, मगरमच्छ, घड़ियाल सहित कई वन्यप्राणी भी मौजूद हैं।
प्रदेश में 1000 होम-स्टे बनाने का लक्ष्य: धर्मेंद्र लोधी
पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भावसिंह लोधी ने बताया कि पिछले साल 13 करोड़ 41 लाख से ज्यादा पर्यटकों का आगमन प्रदेश की धरती पर हुआ है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में पर्यटन विभाग नवाचारों के साथ पर्यटन को प्रोत्साहन दे रहा है। प्रदेश के 121 गांवों को चयनित कर 241 होम-स्टे तैयार करने का कार्य किया है। सरकार ने 1000 होम-स्टे बनाने का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्रामों को चिन्हित किया। इन ग्रामों में पन्ना जिले के ग्राम मडला, निवाड़ी के लाड़पुरा खास और सीधी जिले के ग्राम खास को भी सम्मानित किया गया है।
प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास हो रहा: विश्वास सारंग
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। हर सेक्टर की विशेषताओं (यूएसपी) को देखते हुए नागरिकों को प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। टूरिज्म को गति प्रदान करने में होम-स्टे एक अभिनव प्रयास है।
दस हजार महिलाओं को दी गई हॉस्पिटेलिटी की ट्रेनिंग
प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन निगम, मिशन मोड में ग्रामीण परिवेश में होम-स्टे बनाने, ग्रामीणों को आतिथ्य का प्रशिक्षण देने और सुविधाएं विकसित करने जैसे कार्य कर रहा है। दस हजार महिलाओं को हॉस्पिटेलिटी की ट्रेनिंग दी गई है। साथ ही स्व-सहायता समूह की महिलाएं और कारीगर कलाकृतियां तैयार कर रहे हैं, जिन्हें पर्यटक खरीदकर साथ लेकर जाते हैं और इन कृतियों के लिए देशभर के प्रतिष्ठित होटल्स से ऑर्डर मिल रहे हैं। गांव में टूरिज्म को बढ़ाने में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का सहयोग भी टूरिज्म बोर्ड को मिल रहा है।
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