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भोपाल में ₹130 की खिचड़ी बनी ₹15 हजार की, Vrindavan Dhaba के खाने में निकली मरी मक्खी! फिर हुआ ये…

भोपाल में ₹130 की खिचड़ी बनी ₹15 हजार की, Vrindavan Dhaba के खाने में निकली मरी मक्खी! फिर हुआ ये…

भोपाल। सोचिए! घर बैठे स्वादिष्ट खिचड़ी का ऑर्डर दिया, लेकिन जैसे ही डिब्बा खोला—बटर की खुशबू की जगह आई सड़ी बदबू और दिखी...एक मरी हुई मक्खी! भोपाल में एक उपभोक्ता के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। महज़ 130 रुपए की खिचड़ी खाने का खामियाजा ढाबे को 15 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति देकर भुगतना पड़ा। उपभोक्ता फोरम ने इसे होटल की लापरवाही माना और स्विगी को बरी करते हुए Vrindavan Dhaba पर आर्थिक जुर्माना ठोका है।


खिचड़ी के डिब्बे में निकली मरी हुई मक्खी

भोपाल के गौतम नगर निवासी अभिषेक दीक्षित ने 25 मई 2024 को स्विगी ऐप से Vrindavan Dhaba (नर्मदापुरम रोड) से बटर खिचड़ी और लस्सी मंगवाई थी। लेकिन जैसे ही उन्होंने पार्सल खोला, उनके होश उड़ गए—खाने में एक मरी हुई मक्खी तैर रही थी।


शिकायत करने पर मिली उपेक्षा, फिर पहुंचे उपभोक्ता फोरम

अभिषेक ने तत्काल स्विगी और ढाबा संचालक को शिकायत भेजी। उन्होंने ईमेल के जरिए भी इस आपत्ति को दर्ज कराया, लेकिन किसी ने कोई ज़िम्मेदारी नहीं ली। स्विगी ने सिर्फ इतना कहकर पल्ला झाड़ लिया कि “हम सिर्फ डिलीवरी माध्यम हैं, खाना होटल का है।”


फोरम का फैसला—होटल दोषी, ग्राहक को राहत

भोपाल उपभोक्ता फोरम ने इस मामले की सुनवाई के बाद कहा कि भोजन में मरी मक्खी मिलना स्वस्थ्य सुरक्षा मानकों का सीधा उल्लंघन है और होटल की लापरवाही है। फोरम ने न केवल 130 रुपए वापस लौटाने, बल्कि 15 हजार रुपए क्षतिपूर्ति के तौर पर देने का आदेश भी दिया।


स्विगी को मिली राहत—but अगली बार हो सकता है शिकंजा!

फोरम ने साफ किया कि स्विगी केवल डिलीवरी का माध्यम है, इसलिए उसकी भूमिका सीधे तौर पर दोषी नहीं बनती। हालांकि, ऐसे मामलों में अगर लगातार शिकायतें आएं, तो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी तय की जा सकती है।


भोपाल FSSAI को भी होगी जानकारी साझा

संभावना है कि इस मामले की जानकारी अब खाद्य सुरक्षा विभाग (FSSAI) को भी भेजी जाएगी ताकि होटल के लाइसेंस और सफाई मानकों की समीक्षा की जा सके।

Sanju Suryawanshi

Sanju Suryawanshi

sanju.surywanshi1@gmail.com

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