भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुद्ध पूर्णिमा पर सोमवार को उज्जैन के अशोक बुद्ध विहार में भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के जीवन से ज्ञान लेकर हम सारे भारतीय आगे बढ़ रहे हैं। विश्व बंधुत्व को अपनाते हुए प्रेम, करुणा, सत्य, समता के भाव को आगे बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध राज-पाट छोड़कर ज्ञान की खोज में निकले थे। कठिन तप के बाद जो ज्ञान विश्व को दिया, उसका अनुसरण ही हम सबका उदेश्य होना चाहिए। समता मूलक समाज से हम उन्नति, विकास और सबके कल्याण के मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। भारती बौद्ध महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी को भगवान बुद्ध की जयंती पर शुभकामनाएं दीं।
बुद्ध सर्किट में सांची का प्रमुख स्थान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में सांची, बुद्ध धर्मावलंबियों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। उनके लिए सांची आना सौभाग्य की बात है। बुद्ध सर्किट में सांची का प्रमुख स्थान है। भारतीय खगोल विज्ञान के अनुसार निर्धारित की गई तिथि, पूर्णिमा अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध और संत रविदास जी के साथ ही अन्य बड़े संत, महात्माओं का जन्म हुआ है। पूर्णिमा पर जब चंद्रमा की 16 कलाएं पूर्ण हो जाती हैं तो एक दिव्य प्रकाश निकलता है। ऐसे महापुरुषों ने पूर्णिमा के दिन जन्म लेकर अपने ज्ञान के प्रकाश से विश्व को रोशन किया है।
भारत विश्व गुरु है, विश्व गुरु रहेगा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्व में भारतीय ज्ञान परंपरा ही ऐसी है, जो ऐतिहासिक काल से लेकर वर्तमान समय तक अक्षुण्य है। सबसे बड़ी बात यह है कि समाज के लिए आज भी प्रासंगिक है। 5000 साल से भी अधिक पुराने हमारे ज्ञान को आज भी कोई चैलेंज नहीं कर पाया है। भारत विश्व गुरु है, विश्व गुरु रहेगा।
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