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देश में नंबर-1 बना कान्हा टाइगर रिजर्व! शाकाहारी प्राणियों की संख्या में बना नेशनल रिकॉर्ड, बाघों का बना सबसे बेहतर घर

देश में नंबर-1 बना कान्हा टाइगर रिजर्व! शाकाहारी प्राणियों की संख्या में बना नेशनल रिकॉर्ड, बाघों का बना सबसे बेहतर घर

भोपाल/मण्डला। "जहां हरियाली, वहीं जिंदगी" — मध्यप्रदेश का कान्हा टाइगर रिजर्व अब इसी कथन को जीवंत कर रहा है। देशभर में शाकाहारी वन्य-प्राणियों की सबसे बड़ी आबादी अब यहीं बसती है, और यही नहीं, बाघों के लिए सर्वश्रेष्ठ आवास का खिताब भी कान्हा को मिल गया है। यह गौरवपूर्ण जानकारी भारतीय वन्य-जीव संस्थान, देहरादून की रिपोर्ट में सामने आई है, जिसने कान्हा को भारत का जैविक रूप से सबसे समृद्ध टाइगर रिजर्व घोषित किया है।


1 लाख 2 हजार शाकाहारी प्राणी!

रिपोर्ट के मुताबिक, कान्हा टाइगर रिजर्व में कुल 1,02,485 शाकाहारी वन्य-प्राणी हैं। इनका प्रति वर्ग किलोमीटर घनत्व 69.86 है, जबकि अभ्यारण्य का कुल बायोमास 12.6 लाख किलोग्राम और प्रति वर्ग किलोमीटर 8602.15 किलोग्राम है। यह आँकड़े साबित करते हैं कि यहां का पारिस्थितिक संतुलन न केवल स्थिर है बल्कि बाघों जैसे मांसाहारी प्रजातियों के लिए भी भोजन श्रृंखला और प्राकृतिक आवास का आदर्श रूप तैयार करता है।


बाघों का बना आदर्श ठिकाना

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यहां बड़ी संख्या में चीतल, सांभर, गौर, जंगली सुअर, बार्किंग डियर, नीलगाय और हॉग डियर पाए जाते हैं। इनकी बढ़ती संख्या से यह साबित हुआ है कि यह क्षेत्र बाघों के लिए सबसे उत्तम निवास स्थान बन चुका है।


सीएम डॉ. मोहन यादव ने जताया गर्व

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर वन विभाग और कान्हा रिजर्व प्रबंधन को बधाई दी है। उन्होंने कहा:

"यह न केवल प्रदेश बल्कि देश के लिए गर्व का विषय है। दूसरे रिजर्व भी इस मॉडल को अपनाकर बेहतर जैविक संतुलन की दिशा में प्रयास करें।"


कहां स्थित है कान्हा टाइगर रिजर्व?

स्थान: मण्डला जिला, मध्यप्रदेश

कुल क्षेत्रफल: 2074 वर्ग किलोमीटर

कोर क्षेत्र: 917.43 वर्ग किलोमीटर

बफर क्षेत्र: 1134 वर्ग किलोमीटर


MP बना वन्यजीव संरक्षण का राष्ट्रीय मॉडल

मध्यप्रदेश न केवल 'टाइगर स्टेट' के तौर पर जाना जाता है, बल्कि अब यह शाकाहारी वन्यजीवों की सबसे सुरक्षित पनाहगाह भी बन चुका है। इस रिपोर्ट से यह भी साबित होता है कि राज्य सरकार और वन विभाग की योजनाएं धरातल पर असरदार रही हैं।

Sanju Suryawanshi

Sanju Suryawanshi

sanju.surywanshi1@gmail.com

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