भोपाल। "आया सावन झूम के!"—मध्यप्रदेश में आखिरकार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने ज़ोरदार एंट्री मार दी है। सोमवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर के रास्ते मानसून ने प्रदेश में कदम रखा और पहले ही दिन कई जिलों में जमकर बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में भोपाल और इंदौर तक पहुंचने की संभावना जताई है, जबकि ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे अंत में भीगेगा।
अलर्ट जारी: 60 जिलों में तेज़ आंधी और बारिश की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को 60 से अधिक जिलों में तेज़ आंधी और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में हवा की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है।
ये जिले रहें अलर्ट पर
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, रीवा, सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंदसौर, रतलाम, खंडवा, धार, सतना, सागर, अशोकनगर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, कटनी समेत लगभग पूरे मध्यप्रदेश में मानसून का असर दिखेगा।
इन जिलों में हुई झमाझम बारिश, छतरपुर में सबसे ज्यादा
सोमवार को सबसे अधिक 1.25 इंच बारिश छतरपुर जिले के नौगांव में दर्ज की गई। इसके अलावा रीवा, मंडला, धार, गुना, सतना, रतलाम, सागर, खंडवा, बड़वानी और अशोकनगर समेत 14 जिलों में अच्छी बारिश हुई। भोपाल में शाम को हल्की बूंदाबांदी हुई और मौसम सुहाना हो गया।
तापमान में भारी गिरावट, सिर्फ एक शहर 40 डिग्री के पार
बारिश के कारण दिन का तापमान काफी गिर गया। नर्मदापुरम को छोड़कर बाकी सभी शहरों का पारा 40 डिग्री से नीचे रहा:
भोपाल: 37.5°C
इंदौर: 34.6°C
ग्वालियर: 37°C
जबलपुर और उज्जैन: 38°C
पचमढ़ी: सबसे ठंडा – 31.2°C
क्या है कारण? दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव हैं। इसी वजह से आंधी-तूफान और तेज बारिश का दौर चल रहा है। साथ ही मानसून की गति अब तेज़ हो गई है।
इस बार मानसून 1 दिन लेट, लेकिन फुल फॉर्म में एंट्री
देश में मानसून इस बार 8 दिन पहले पहुंच गया था, पर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में यह अटका रहा। नतीजा – मध्यप्रदेश में यह तय समय से सिर्फ एक दिन देरी से 17 जून को पहुंचा। बता दें, एमपी में मानसून की सामान्य एंट्री डेट 15 जून है। पिछले साल यह 21 जून को आया था।
क्या होगा आगे? अगले हफ्ते तक पूरे प्रदेश में फैलेगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 5-6 दिनों में मानसून पूरे प्रदेश को कवर कर लेगा। इसके बाद जून के अंत तक झमाझम बारिश के कई दौर देखने को मिल सकते हैं। फसलों और किसानों के लिए यह बेहद राहत भरी खबर है।
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