भोपाल में मौसम का मिज़ाज तो खुशगवार हो चला है, लेकिन हालात अभी भी 'बरसात के ब्लूज़' लिखने को मजबूर कर रहे हैं। जी हां! मानसून इस बार अपनी सामान्य तारीख से करीब 8 दिन पहले राजधानी में कदम रखने वाला है, मगर नगर निगम और प्रशासन अभी भी नींद से नहीं जागे। टूटी सड़कों की चुप्पी, खुले सीवरों की गहराई और ट्रांसफार्मर से रिसता करंट... ये सब आने वाली बारिश में तबाही की पटकथा पहले से ही लिख चुके हैं। तो क्या भोपाल वालों को भीगने से ज़्यादा फिसलने और गिरने की तैयारी कर लेनी चाहिए?
मानसून सुपरफास्ट, व्यवस्थाएं स्लो मोशन!
इस बार मध्यप्रदेश में मानसून 8 दिन पहले दस्तक देगा। भोपाल में जून के पहले हफ्ते में ही बारिश शुरू होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार अलनीनो की स्थिति न्यूट्रल रहेगी, जिससे मानसून पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा।
राजधानी की 1200 किमी सड़कें गड्ढों में तब्दील
नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट डराने वाली है। 1200 किलोमीटर सड़कों पर गड्ढों का राज है। भानपुर, शाहजहांनाबाद, मंगलवारा, करोद से लेकर अरेरा कॉलोनी तक सड़कें धंसी हुई हैं। इनकी मरम्मत मानसून से पहले संभव नहीं।
बिजली-बेवस्था: 800 किमी लाइन का मेंटेनेंस अधूरा
शहर की 3,500 किमी बिजली लाइनों में से 800 किमी का मेंटेनेंस अभी भी अधूरा है। 40% से ज्यादा डीपी खुली हैं। कई ट्रांसफार्मर फुंके हुए हैं। थोड़ी हवा से फॉल्ट होना आम बात बन गई है। कोकता, सुभाष नगर, अशोका गार्डन जैसी कॉलोनियों में हालत बदतर हैं।
मच्छर-महामारी का भी खतरा
फॉगिंग प्लान तक तैयार नहीं हुआ है। बारिश में जलभराव से मच्छर पनपेंगे और बीमारियों का खतरा बढ़ेगा। स्वास्थ्य विभाग की टीमें अब तक गठित नहीं हुई हैं।
मानसून का इतिहास
2024: कुल बारिश – 1608 मिमी (सामान्य से 533.7 मिमी अधिक)
2023: कुल बारिश – 919.9 मिमी (सामान्य से 144.5 मिमी कम)
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान: इस बार मानसून बेहतर रहेगा और समय से पहले आएगा। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से सक्रिय सिस्टम की वजह से बारिश की संभावना अधिक है।
कंट्रोल रूम बना, लेकिन ज़मीनी हालात बेहाल
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह के अनुसार मानसून से निपटने के लिए कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन तैयार कर ली गई है। वॉट्सऐप ग्रुप्स के जरिए विभागों के बीच समन्वय किया जाएगा, लेकिन जब ज़मीनी हकीकत इतनी बदहाल हो, तो तकनीकी तैयारी कितनी कारगर होगी, ये तो बारिश ही बताएगी।
कृषि के लिहाज़ से उम्मीद, लेकिन...
कृषि विशेषज्ञ एचडी वर्मा के अनुसार मानसून पहले आने से बोवनी जल्दी शुरू हो सकती है, लेकिन बारिश में गेप हुआ तो फसलों को नुकसान भी हो सकता है।
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