भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार शासकीय सेवकों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। अब क्लास-1 से लेकर नीचे तक के अधिकारी बिना देरी के पदोन्नति पा सकेंगे, ठीक IAS और IPS अफसरों की तर्ज पर। सरकार एक नई प्रमोशन पॉलिसी लेकर आ रही है, जिसके तहत पात्र अधिकारियों और कर्मचारियों को 6 महीने से 1 साल तक की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
कैबिनेट में मंगलवार को रखा जाएगा प्रस्ताव, बनी तो 9 साल बाद खुलेगा प्रमोशन का रास्ता
राज्य में 9 वर्षों से सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी हुई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अप्रैल में इसके समाधान का एलान किया था। अब सरकार 17 जून (मंगलवार) को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रमोशन नीति का ड्राफ्ट प्रस्ताव के रूप में रखने जा रही है। इसे मंजूरी मिलने के बाद लाखों शासकीय सेवकों को फायदा होगा।
क्या होंगे प्रमोशन के नए नियम? जानिए ड्राफ्ट के 5 बड़े बिंदु
➡️ क्लास-1 अफसरों के लिए "मेरिट कम वरिष्ठता" आधार बनेगा।
➡️ क्लास-2 और नीचे के कर्मचारियों के लिए "वरिष्ठता कम मेरिट" फॉर्मूला लागू होगा।
➡️ एससी वर्ग को 16% और एसटी वर्ग को 20% आरक्षण यथावत रहेगा।
➡️ रिवर्ट किसी को नहीं किया जाएगा, यानि जो पदोन्नत हो चुके हैं वे वहीं रहेंगे।
➡️ किसी भी वर्ग को पदोन्नति से वंचित नहीं रखा जाएगा।
किसको पहले मिलेगा प्रमोशन? अफसरों ने सुझाए ये फॉर्मूले
➡️ सबसे पहले एसटी और एससी वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ मिलेगा।
➡️ वे अनारक्षित श्रेणी में भी वरिष्ठता व मेरिट आधार पर प्रमोशन पा सकेंगे।
➡️ जिस पद से नौकरी शुरू की थी, उसी पद पर वरिष्ठता के अनुसार प्रमोशन मिलेगा।
➡️ सबसे अंत में अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति दी जाएगी।
विवाद की भी आशंका, सुपाक्स और अजाक्स आ सकते हैं आमने-सामने
जहां एक ओर सरकार सभी वर्गों को समाहित करने की कोशिश कर रही है, वहीं नीति को लेकर विवाद भी गहराने के आसार हैं।
सपाक्स - क्रीमीलेयर को प्रमोशन देने, स्टेटस-को को प्रमोट करने और किसी को रिवर्ट न करने पर विरोध दर्ज कर सकता है।
अजाक्स - यदि पूर्व पदोन्नतों को रिवर्ट किया गया, एसटी-एससी को प्राथमिकता नहीं दी गई या आरक्षण नियम लागू नहीं हुए, तो विरोध तय माना जा रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी आएगा बड़ा फैसला, बिजली कंपनियों को 5,168 करोड़ की स्वीकृति संभव
कैबिनेट बैठक में केवल प्रमोशन ही नहीं, राज्य की बिजली कंपनियों को 5,168 करोड़ रुपये की इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रांट को भी हरी झंडी दी जा सकती है।
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