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अब 'कमांडो' बनेंगे MP पुलिस जवान! जून से मार्शल आर्ट्स और साइबर ट्रेनिंग के साथ बदलेगा पुलिसिंग का चेहरा

अब 'कमांडो' बनेंगे MP पुलिस जवान! जून से मार्शल आर्ट्स और साइबर ट्रेनिंग के साथ बदलेगा पुलिसिंग का चेहरा

भोपाल। एमपी पुलिस अब सिर्फ कानून का पालन कराने वाली नहीं, बल्कि तकनीक और ताकत दोनों में दक्ष फोर्स बनने जा रही है। पीएचक्यू (पुलिस मुख्यालय) ने वर्षों पुराने ब्रिटिश सिस्टम को अलविदा कह दिया है। अब जून से नए बैच के साथ मार्शल आर्ट्स, साइबर क्राइम कंट्रोल और डिजास्टर मैनेजमेंट जैसी मॉडर्न ट्रेनिंग शुरू होगी।


PHQ ने दिखाया गंभीर रुख, बदलेंगे सदियों पुराने ट्रेनिंग मॉड्यूल

पुलिस विभाग की ट्रेनिंग विंग ने नई पॉलिसी के तहत पुराने मॉड्यूल्स को खत्म कर दिया है। अब हर नया पुलिसकर्मी – चाहे वह आरक्षक हो या डीएसपी – आधुनिक ट्रेनिंग के फ्रेमवर्क में ढलकर ही फील्ड में उतरेगा।


अब जवान सीखेंगे बिना हथियार के लड़ना, आएगा 'फाइटर पुलिस' का जमाना

➡️ आउटडोर ट्रेनिंग में मार्शल आर्ट्स और कॉम्बैट स्किल्स को अहम हिस्सा बनाया गया है।

➡️ सागर PTS में ‘कलारिपयट्टू’ (केरल का पारंपरिक युद्धकला)


तिगरा PTS में बंगाल की लाठी कला

➡️ यह बदलाव जवानों को फिजिकली फिट और मेंटली अलर्ट बनाएगा।


साइबर वॉर से निपटने को तैयार होगी डिजिटल पुलिस

इनडोर ट्रेनिंग में शामिल किए गए हैं:

➡️ साइबर सिक्योरिटी

➡️ डिजास्टर मैनेजमेंट

➡️ सोशल पुलिसिंग

ऑनलाइन की जगह अब 100% ऑफलाइन, रियल-टाइम ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे सटीक निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी।


अब नहीं होगी ट्रेनर्स की कमी, रीवा में तैयार हो रही नई फौज

प्रदेश में T.O.T. (Training of Trainers) प्रोग्राम के तहत 40 नए प्रशिक्षकों को तैयार किया जा रहा है।

 रीवा PTS में ड्रिल इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग चल रही है, जिसकी निगरानी खुद एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह कर रहे हैं। उन्होंने वर्चुअल जुड़कर पूरी प्रक्रिया की समीक्षा भी की।


ये हैं ट्रेनिंग के लिए तैयार 3,856 जवानों की जिलेवार संख्या

PHQ के मुताबिक, जून से शुरू हो रहे नए बैच में 8 PTS में कुल 3,856 पुलिसकर्मी ट्रेनिंग लेंगे:

भौरी: 691

इंदौर: 995

पचमढ़ी: 263

रीवा: 456

सागर: 360

तिगरा: 596

उज्जैन: 225

उमरिया: 270


"मजबूत पुलिसिंग की रीढ़ है प्रशिक्षण" 

“अगर जवानों को सही ढंग से प्रशिक्षित किया जाए तो वे कानून व्यवस्था को सही तरीके से लागू कर सकते हैं। हमने ट्रेनिंग सिस्टम को नए जमाने के हिसाब से पूरी तरह अपग्रेड किया है।”

 — राजाबाबू सिंह, एडीजी (प्रशिक्षण), भोपाल

Sanju Suryawanshi

Sanju Suryawanshi

sanju.surywanshi1@gmail.com

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