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अब गांव-गांव चलेगा डिजिटल सिस्टम! 18 हजार पंचायतें होंगी ऑनलाइन, बाबूगिरी पर चलेगा सिस्टम का डंडा

अब गांव-गांव चलेगा डिजिटल सिस्टम! 18 हजार पंचायतें होंगी ऑनलाइन, बाबूगिरी पर चलेगा सिस्टम का डंडा

भोपाल। ‘अब गांवों में भी बाबू नहीं, सिस्टम बोलेगा।’ मध्यप्रदेश की पंचायतों में अब फाइलें धूल नहीं खाएंगी, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दौड़ेंगी। राज्य सरकार ने 18,011 ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत सिस्टम से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य पंचायतों को पूरी तरह डिजिटल बनाना है, ताकि ई-गवर्नेंस, पारदर्शिता, और सुविधाओं की सुलभता सुनिश्चित हो सके।


हाईस्पीड इंटरनेट से बदलेगी पंचायतों की तस्वीर

प्रदेश की करीब 5000 पंचायतों में पहले से इंटरनेट कनेक्टिविटी मौजूद है। अब शेष पंचायतों में भी हाईस्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी दी जाएगी। यह काम भारतनेट परियोजना के तहत बीएसएनएल द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक पंचायत को अपने परिसर में दो वर्गमीटर जगह ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए देनी होगी।


इससे क्या बदलेगा?

➡️ सभी फाइल व सेवाएं ऑनलाइन होंगी, जैसे ई-ऑफिस

➡️ सचिव, इंस्पेक्टर और अफसरों की मनमानी पर लगाम

➡️ ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ समय पर मिलेगा

➡️ ई-लर्निंग, टेलीमेडिसिन, ई-कॉमर्स जैसी सेवाएं पहुंचेंगी गांवों तक


ई-पंचायत क्यों है ज़रूरी?

"गांवों के लिए भी डिजिटल इंडिया जरूरी है। इसलिए ई-पंचायत बनाएंगे। यहां सभी काम ई-ऑफिस की तरह ही ऑनलाइन होंगे। ग्रामीणों को केंद्र और राज्य की सुविधाएं समय पर मिलेंगी। जीवनस्तर अच्छा होगा।"

 — प्रहलाद सिंह पटेल, मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास


ई-पंचायत सिस्टम लागू होने से गांवों को मिलेगा तकनीक का साथ:

???? शिक्षा: ऑनलाइन क्लासेस और डिजिटल लर्निंग से बच्चों को मिलेगा फायदा

 ???? स्वास्थ्य: टेलीमेडिसिन से गांव में ही विशेषज्ञों से सलाह संभव

 ???? रोजगार: ई-कॉमर्स और डिजिटल उद्यमिता से स्थानीय कारोबार को मिलेगी ताकत

 ???? गवर्नेंस: योजनाओं का रिकॉर्ड, वितरण और प्रगति अब पारदर्शी और ट्रैक योग्य होगी


हर 3 माह में मुख्य सचिव करेंगे समीक्षा

इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर 22 मई को उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। मुख्य सचिव अनुराग जैन इसके अध्यक्ष हैं और बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधक को सदस्य सचिव बनाया गया है।

 समीक्षा में पंचायत, ऊर्जा, पीडब्ल्यूडी, विज्ञान और वन विभाग के वरिष्ठ अफसर भी होंगे शामिल।

 प्रगति की हर 3 महीने में समीक्षा की जाएगी।


पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में बड़ा कदम

अब ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार और देरी पर लगाम लगेगी। सचिव से लेकर जनपद के बाबू तक की प्रदर्शन रिपोर्ट डिजिटल होगी। लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई संभव होगी और जनता को जवाबदेही तय करने का अधिकार भी मिलेगा।

Sanju Suryawanshi

Sanju Suryawanshi

sanju.surywanshi1@gmail.com

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