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PM LIVE : हमारी सेना ने दुश्मन के घर में घुसकर मारा, ऑपरेशन सिंदूर बना ऐतिहासिक : पीएम मोदी

भोपाल में मोदी LIVE: स्टेट हैंगर पहुंचे प्रधानमंत्री, हेलीकॉप्टर से जम्बूरी मैदान होंगे रवाना

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की हवा में आज इतिहास की गूंज है! जंबूरी मैदान में जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष वाहन से मंच की ओर बढ़े, हाथों में तिरंगा लिए लाखों महिलाओं ने तालियों और जयघोष के साथ उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने हाथ जोड़ कर सभी महिलाओं का अभिवादन किया। मंच तक पहुंचने से पहले उन्होंने देवी अहिल्या की भव्य प्रदर्शनी देखी, महिला बुनकरों और 'ड्रोन दीदियों' से संवाद किया। 


मातृशक्ति को प्रणाम, विकास को नई उड़ान

भोपाल के जंबूरी मैदान से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा— "आज का कार्यक्रम देवी अहिल्याबाई की सोच को आगे बढ़ाने वाला है।"

 उन्होंने बताया कि इंदौर मेट्रो और सतना-दतिया एयरपोर्ट जैसी परियोजनाएं न केवल आधुनिक भारत का प्रतीक हैं, बल्कि ये रोजगार और सुविधा के नए द्वार खोलने वाली योजनाएं हैं।

“ये सारे प्रोजेक्ट मप्र में सुविधाएं बढ़ाएंगे, विकास को गति देंगे और रोजगार के नए अवसर बनाएंगे।”

“इस पवित्र दिवस पर इन विकास कार्यों के लिए पूरे प्रदेश को बहुत-बहुत बधाई।”


ऑपरेशन सिंदूर देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा और सफल सैन्य अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन के मंच से आतंकवाद और राष्ट्र रक्षा पर बड़ा बयान देते हुए बताया कि "ऑपरेशन सिंदूर" देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा और सफल सैन्य अभियान है। उन्होंने कहा, "हमारी सेना ने सैकड़ों किलोमीटर दूर दुश्मन के घर में घुसकर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया।"

➡️ पीएम मोदी ने साफ किया कि ये कार्रवाई उस समय हुई, जब आतंकियों ने भारत की नारी शक्ति को सीधी चुनौती दी थी।


"देवी अहिल्या बाई ने तब दिए थे महिलाओं को संपत्ति और पुनर्विवाह के अधिकार"

प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लौटते हुए कहा कि देवी अहिल्या बाई सामाजिक क्रांति की अग्रदूत थीं। उस दौर में जब महिलाओं की आवाज़ दबाई जाती थी, उन्होंने विधवा पुनर्विवाह और संपत्ति में महिलाओं के अधिकार की वकालत की।

"उस काल में ऐसी बातें बोलना भी बगावत मानी जाती थी, लेकिन अहिल्याबाई ने खुलकर इन समाज सुधारों को समर्थन दिया," – पीएम मोदी


ढाई सौ साल पहले सेना में महिलाओं की टुकड़ी बनाना था क्रांतिकारी कदम

पीएम मोदी ने बताया कि मालवा की सेना में देवी अहिल्याबाई ने विशेष महिला टुकड़ी गठित की थी। उन्होंने कहा, "आज पश्चिमी दुनिया हमें महिला अधिकारों पर पाठ पढ़ाती है, लेकिन उन्हें नहीं पता कि भारत में सदियों पहले हमारी माताएं-बहनें राष्ट्र रक्षा में अग्रणी रही हैं।"

➡️ उन्होंने गांवों में महिला सुरक्षा टोलियां भी बनाईं, जो आज के सेल्फ डिफेंस ग्रुप्स का रूप हैं।


"अहिल्याबाई राष्ट्र निर्माण में नारी शक्ति की प्रतीक हैं"

प्रधानमंत्री ने श्रद्धा से कहा, "मैं देवी अहिल्या को प्रणाम करता हूं। वह जहां भी हों, हमें आशीर्वाद दें ताकि भारत की नारी शक्ति और अधिक सशक्त हो।"


देवी अहिल्या बाई को बताया 'सामाजिक क्रांति की प्रेरणा'

"जब बेटियों की शादी की उम्र की बात करते हैं, तो कुछ लोगों को सेकुलरिज्म खतरे में दिखता है। लेकिन देवी अहिल्याबाई ने 250 साल पहले ही ऐसे मुद्दों पर खुलकर बात की थी" - पीएम मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन को संबोधित करते हुए देवी अहिल्याबाई होलकर को भारत की पहली नारीवादी क्रांतिकारी करार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि देवी अहिल्या ने उस दौर में नारी सुरक्षा टोलियों का गठन किया, जब महिलाओं की भूमिका केवल घर तक सीमित मानी जाती थी।


"गरीबों और वंचितों के लिए समर्पित था अहिल्या बाई का शासन"

पीएम मोदी ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने शासन का ऐसा मॉडल खड़ा किया, जो गरीबों और वंचितों को प्राथमिकता देता था। उन्होंने कहा, “उन्हें देखकर लगता है कि आज की योजनाओं की जड़ें हमारे इतिहास में ही थीं।”

➡️ उन्होंने बताया कि देवी अहिल्या ने उस समय नहरों का जाल बिछाया, तालाब बनवाए और खेती को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू कीं।


कपास, मसाले और खेती में क्रांति लाने वाली रानी

प्रधानमंत्री ने कहा कि देवी अहिल्या ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कपास और मसालों की खेती को बढ़ावा दिया। आज की तरह उन्होंने भी फसल विविधिकरण (Crop Diversification) की बात की थी।

"आज हम किसानों को समझाते हैं कि सिर्फ धान और गन्ने पर मत अटको। अहिल्या बाई ये बात 250 साल पहले कह चुकी थीं," – पीएम मोदी


महेश्वरी साड़ी को बनाया ब्रांड

मोदी ने बताया कि देवी अहिल्या बाई ने महेश्वरी साड़ी उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए गुजरात के जूनागढ़ से कारीगर बुलाए और इस पारंपरिक कला को विश्व प्रसिद्ध बना दिया।


बेटियों की शादी की उम्र पर बेबाक थीं देवी अहिल्या

प्रधानमंत्री ने आज की बहस पर कटाक्ष करते हुए कहा, “आज जब बेटियों की शादी की उम्र बढ़ाने की बात होती है तो कुछ लोग धर्म और सेकुलरिज्म का बहाना बना लेते हैं।”

"देवी अहिल्या बाई ने तब इस विषय पर सोचना शुरू कर दिया था, जब समाज में कोई आवाज़ नहीं उठाता था।"


आदिवासियों को दी जमीन, बनाया उनका भविष्य

पीएम मोदी ने कहा कि देवी अहिल्या ने आदिवासियों और घुमंतू टोलियों के लिए खेती की योजनाएं बनाईं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया।

"आज देश की बागडोर उस राष्ट्रपति के पास है जो आदिवासी समाज से आते हैं। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे उनके मार्गदर्शन में सेवा का मौका मिला," – मोदी


“देवी अहिल्याबाई—श्रद्धा का स्वर, सेवा का शौर्य”

प्रधानमंत्री ने देवी अहिल्या की महत्ता को याद करते हुए कहा— “लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर, ये नाम सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है।”  उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई वह प्रतीक हैं जिन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि  "जब इच्छा शक्ति होती है, दृढ़ प्रतिज्ञा होती है, तो परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हों, सफलता मिलती है।”


“कांटों का ताज पहनकर राज्य को दी दिशा”

पीएम मोदी ने लोकमाता की शासन शैली को भारत के लिए उदाहरण बताते हुए कहा, “जब देश गुलामी की जंजीरों में था, तब अहिल्याबाई जैसी महिला का राज्य संभालना और उसमें लोककल्याण करना एक अद्वितीय कार्य था।” उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या ने प्रभु सेवा और जन सेवा को कभी अलग नहीं माना। वे हमेशा अपने साथ शिवलिंग रखती थीं, जिससे यह संदेश मिलता है कि आस्था और प्रशासन का समन्वय ही सही शासन है।


भारत की विरासत की संरक्षक: मंदिरों और तीर्थों की पुनर्रचना

पीएम मोदी ने कहा, “जब देश की संस्कृति पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता अहिल्याबाई ने अनेक मंदिरों और तीर्थों का पुनर्निर्माण कराया।”  उन्होंने विशेष उल्लेख किया कि काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर में देवी अहिल्या की प्रतिमा लगाई गई है, “मेरा सौभाग्य है कि उसी काशी ने मुझे सेवा का अवसर भी दिया है।”


सम्मान और संस्कृति का संगम

➡️ पीएम मोदी ने देवी अहिल्या की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।

➡️ महेश्वरी कलाकारों ने उन्हें महेश्वर की पारंपरिक शॉल भेंट की।

➡️ मुख्यमंत्री मोहन यादव ने होल्कर वंश की शाही पगड़ी पहनाई।

➡️ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संगठन की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया।

➡️ राज्यपाल ने देवी अहिल्या का चित्र भेंट कर किया सम्मान।


संवाद महिला बुनकरों और ड्रोन दीदियों से

प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण के प्रतीकों—महिला बुनकरों और ड्रोन उड़ाने वाली 'ड्रोन दीदियों'—से संवाद कर उनकी मेहनत और योगदान को सराहा। यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महिला भागीदारी को बल देता है।


मंच पर तिरंगा, मन में आत्मगौरव

जंबूरी मैदान पर हर कोने से उठता ‘भारत माता की जय’ का स्वर, महिलाओं के हाथों में लहराता तिरंगा और पीएम मोदी की उपस्थिति ने इस आयोजन को राष्ट्रीय गर्व का उत्सव बना दिया।


पीएम मोदी ने जारी किया देवी अहिल्या पर विशेष डाक टिकट

देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी स्मृति में एक विशेष डाक टिकट जारी किया। यह डाक टिकट नारी नेतृत्व, समाज सेवा और सांस्कृतिक समर्पण का प्रतीक है।


300 रूपए का विशेष स्मृति सिक्का हुआ लॉन्च

प्रधानमंत्री ने एक दुर्लभ स्मृति सिक्का भी जारी किया जिसकी कीमत ₹300 है—देवी अहिल्या की 300वीं जयंती के सम्मान में। यह सिक्का नारी गरिमा और ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक बनेगा।


दतिया और सतना एयरपोर्ट का वर्चुअल लोकार्पण

पीएम मोदी ने दतिया और सतना हवाई अड्डों का वर्चुअल उद्घाटन किया, जो कि मध्य प्रदेश की कनेक्टिविटी को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। इससे पर्यटन और रोजगार दोनों को बढ़ावा मिलेगा।


इंदौर मेट्रो का पहला फेज़ भी हुआ शुरू

6 किलोमीटर लंबे सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर का वर्चुअल उद्घाटन भी पीएम मोदी ने किया, जिससे इंदौर मेट्रो के पहले चरण की शुरुआत हो गई। यह शहर के लिए स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है।


अटल सुशासन भवन की रखी आधारशिला

प्रधानमंत्री ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए ‘अटल सुशासन भवन’ की आधारशिला रखी। यह केंद्र सुशासन, नीति क्रियान्वयन और प्रशासनिक दक्षता का मॉडल बनेगा।


सीएम डॉ. मोहन यादव का संबोधन: देवी अहिल्या से प्रेरित शासन

“देवी अहिल्या सभी के लिए आदर्श हैं।”

“मध्यप्रदेश में नारी शासन का उत्कृष्ट उदाहरण है।”

“देश के सर्वोच्च पद पर आदिवासी महिला राष्ट्रपति होना महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।”

“हम अहिल्याबाई के रास्ते पर चल रहे हैं।”

“रानी दुर्गावती और अवंतीबाई जैसे वीरांगनाओं ने देश को गौरव दिया।”

“आज की महिलाएं भी आतंकियों और असामाजिक तत्वों से लड़ने में सक्षम हैं।”

Sanju Suryawanshi

Sanju Suryawanshi

sanju.surywanshi1@gmail.com

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