भोपाल। मध्यप्रदेश में मोहन सरकार को बने करीब डेढ़ साल हो चुका है, लेकिन अब तक निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों की फाइल धूल फांक रही है। अब खबर है कि सरकार जल्द ही इन नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करने वाली है। सूत्रों के अनुसार, जून के पहले सप्ताह से निगम-मंडलों में पद बांटने की कवायद शुरू हो सकती है। इसके संकेत प्रशासनिक तबादलों के बाद मिलने लगे हैं।
ट्रांसफर प्रक्रिया के बाद शुरू होगी नियुक्तियां
सरकार ने पहले चरण में अफसरों के तबादलों की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है। अब यह काम लगभग पूरा हो चुका है, ऐसे में अब निगाहें निगम-मंडलों और सहकारी संस्थाओं की नियुक्तियों पर टिक गई हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव की दिल्ली यात्रा भी संभावित है, जहां वे गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से विचार-विमर्श कर सकते हैं।
कैबिनेट दर्जे का पद, बढ़ेगी नेताओं की सक्रियता
निगम-मंडलों में नियुक्त होने वाले नेताओं को कैबिनेट या राज्यमंत्री का दर्जा मिलता है, जिससे उनके राजनीतिक कद में इजाफा होता है। यही कारण है कि अब पद पाने के इच्छुक नेता भोपाल में डेरा डालने की तैयारी में हैं।
किसे मिलेगा मौका?
विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान जिनकी टिकट कटी थी, उन्हें नियुक्ति दी जा सकती है।
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए नेताओं को भी इन पदों से नवाजा जा सकता है।
संगठन के उन कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिल सकती है जिन्होंने बीते चुनावों में मेहनत की थी लेकिन टिकट नहीं मिला।
सहकारी संस्थाएं और मंडी बोर्ड भी सूची में
निगम-मंडलों के साथ-साथ सहकारी संस्थाओं और मंडी बोर्डों में भी नियुक्तियां होनी हैं। यानी यह सिर्फ राजनीतिक संतुलन ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने का भी मौका है।
Comments
Add Comment