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MP के ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेंगे 2000 नए डॉक्टर: जुलाई से तैनाती, ऑनलाइन पोर्टल से चयन शुरू

MP के ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेंगे 2000 नए डॉक्टर: जुलाई से तैनाती, ऑनलाइन पोर्टल से चयन शुरू

भोपाल। मध्यप्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में लंबे समय से चल रही डॉक्टरों की कमी अब खत्म होने वाली है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जुलाई 2025 से 2000 बंध-पत्र डॉक्टरों की नियुक्ति की तैयारी कर ली है। ये डॉक्टर सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस व पीजी करने वाले होंगे, जिनके लिए ग्रामीण सेवा अनिवार्य है।


डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है स्वास्थ्य तंत्र

मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य तंत्र इस समय डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकीय पदों की स्थिति चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, चिकित्सा विशेषज्ञों के 4167 स्वीकृत पदों में से 2563 पद खाली हैं। मेडिकल ऑफिसर के 5439 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 1424 रिक्त हैं, जबकि डेंटल सर्जन के 639 पदों में से 392 पदों पर अभी तक नियुक्ति नहीं हो सकी है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रदेश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं डॉक्टरों की अनुपलब्धता के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं। यही वजह है कि सरकार बंध-पत्र डॉक्टरों की नियुक्ति कर इस कमी को दूर करने में जुट गई है।


क्यों जरूरी है बंध-पत्र डॉक्टरों की सेवा?

➡️ एमबीबीएस करते समय छात्रों को 10 लाख का ग्रामीण सेवा बांड भरना पड़ता है।

➡️ इसके तहत उन्हें 1 साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य है।

➡️ पीजी करने वाले डॉक्टरों के लिए 5 साल तक सेवा शर्त लागू होती है।

➡️ सेवा न देने पर बांड राशि की वसूली होती है।


ऑनलाइन प्रक्रिया से होगी नियुक्ति

नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है:

➡️ विभाग ने 7 जून से पोर्टल खोल दिया है।

➡️ 12 जून 2025 तक डॉक्टर अपनी वरीयता के 30 स्थान पोर्टल पर भर सकेंगे।

➡️ हर डॉक्टर को मोबाइल पर लॉगिन आईडी और पासवर्ड भेजा गया है।

➡️ पोर्टल पर जिला व संस्था वार रिक्तियों की सूची उपलब्ध है।


पोस्टिंग मेरिट के आधार पर की जाएगी, यानी जिस डॉक्टर की मेरिट ज्यादा, उसे पहले वरीयता मिलेगी।


मानदेय और सुविधाएं

➡️ पिछले साल का मानदेय: ₹55,000 प्रति माह

➡️ इस बार के मानदेय की घोषणा जल्द

➡️ सेवा अवधि पूरी करने के बाद डॉक्टर बांड से मुक्त हो जाएंगे


इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ

➡️ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC)

➡️ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC)

➡️ दूरस्थ जनजातीय और पिछड़े क्षेत्र

➡️ ग्रामीण उप-स्वास्थ्य केंद्र


स्वास्थ्य विभाग का कहना है, “हमारा लक्ष्य है कि हर गांव, हर कस्बे को योग्य डॉक्टर मिले। डिजिटल माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।”

Sanju Suryawanshi

Sanju Suryawanshi

sanju.surywanshi1@gmail.com

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