भोपाल। अगर आज दोपहर को अचानक आपकी परछाईं गायब हो जाए तो चौंकिए मत, क्योंकि आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एक दुर्लभ खगोलीय घटना "जीरो शैडो डे" का साक्षी बनने जा रही है। दोपहर ठीक 12 बजकर 20 मिनट पर सूरज शहर के उत्तरी हिस्से के ठीक सिर के ऊपर होगा, और इस दौरान करीब 1 से 2 मिनट तक किसी भी वस्तु या व्यक्ति की परछाईं पूरी तरह अदृश्य हो जाएगी। ऐसा वैज्ञानिक चमत्कार साल में सिर्फ दो बार ही होता है।
क्यों होता है Zero Shadow Day? जानिए विज्ञान का रहस्य
नेशनल अवॉर्ड विजेता विज्ञान प्रसारक सारिका घारू बताती हैं कि यह घटना पृथ्वी के झुकाव और सूर्य की परिक्रमा के कारण होती है। जब सूर्य किसी स्थान के ठीक सिर के ऊपर आ जाता है, तब उसकी रोशनी सीधी नीचे गिरती है और उस समय वस्तुओं की परछाईं नीचे की ओर सिकुड़कर गायब हो जाती है।
यह घटना केवल उन्हीं स्थानों पर होती है जो कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित होते हैं। भोपाल भी उन्हीं में से एक है। इसे समझने के लिए किसी जादू या मंतर की नहीं, बल्कि केवल खुले आकाश और थोड़ी सी उत्सुकता की ज़रूरत है।
आज कहां-कहां दिखेगा यह दृश्य?
➡️ 13 जून को यह नज़ारा भोपाल के दक्षिणी हिस्सों में दिखाई दिया था
➡️ 14 जून को उत्तरी भोपाल में होगा ज़ीरो शैडो डे
➡️ अगली बार यह दृश्य 28 जून को दोबारा देखा जा सकेगा, जब सूर्य वापसी की दिशा में फिर सिर के ऊपर होगा
कैसे करें Zero Shadow Day का अनुभव?
➡️ एक सीधी छड़ या स्टील रॉड को जमीन में खड़ा करें
➡️ दोपहर 12:00 बजे से पहले तैयार हो जाएं
➡️ 12:20 बजे उसकी छाया पर नज़र रखें
➡️ 1 से 2 मिनट तक छाया बिलकुल अदृश्य या रॉड के नीचे सिमटी नजर आएगी
➡️ इस दौरान आप खुद भी अपनी छाया देख सकते हैं—यह कुछ पलों के लिए पूरी तरह लुप्त हो जाती है।
भोपालवासियों के लिए खास मौका
सारिका घारू कहती हैं कि यह कोई रोज़मर्रा की घटना नहीं है, और इसे सिर्फ देखने से ही प्रकृति और विज्ञान के अद्भुत तालमेल को महसूस किया जा सकता है। यह दिन खासतौर पर बच्चों और विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए सीखने का शानदार मौका है।
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