श्रीनगर। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने घाटी में सुरक्षा के लिहाज से बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने 48 प्रमुख रिसॉर्ट और पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश जारी किया है। इस निर्णय से पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ आतंकी गतिविधियों पर नकेल कसने की कोशिश की जा रही है।
इन लोकप्रिय स्थलों पर पड़ा ताला
बंद किए गए पर्यटन स्थलों में डल झील, गुलमर्ग, सोनमर्ग, दूधपथरी, वेरीनाग जैसे लोकप्रिय और व्यस्त स्थल शामिल हैं। इसके अलावा बांदीपोरा, बडगाम, कुपवाड़ा, बारामूला, श्रीनगर, पुलवामा, अनंतनाग और गांदरबल जिलों के घाटी के गहराई में बसे स्थल भी शामिल हैं, जो अब पर्यटकों के लिए अस्थायी रूप से बंद रहेंगे।
प्रमुख बंद पर्यटन स्थल
डल झील, गुलमर्ग, सोनमर्ग, दूधपथरी, वेरीनाग गार्डन, सिंथन टॉप, यूसमार्ग, अहरबल, बंगस घाटी, वुलर लेक क्षेत्र, हब्बा खातून प्वाइंट, दाचीगाम, बौद्ध मठ हरवान, अस्तानमार्ग पैराग्लाइडिंग पॉइंट, नॉर्थ क्लिफ कैफे, सूर्य मंदिर खीरीबल, नारानाग, लछपत्री, हंग पार्क
सुरक्षा बलों की सख्त तैनाती
विशेष पुलिस बल, एंटी-फिदायीन दस्ते और स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट्स को इन इलाकों में तैनात किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि The Resistance Front (TRF) जैसे आतंकी संगठन घाटी में फिर से फिदायीन हमला करने की साजिश रच रहे हैं। इसके चलते सरकार ने ‘सुरक्षा पहले’ की नीति अपनाई है।
पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका
कश्मीर का पर्यटन उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कोविड-19 महामारी और अनुच्छेद 370 हटने के बाद जैसे-तैसे पटरी पर लौटी यह इंडस्ट्री अब फिर से बड़े संकट में घिर गई है।
होटल व्यवसाय
स्थानीय गाइड
टैक्सी चालक
हस्तशिल्प और शॉल कारोबारी
इन सभी की आमदनी प्रभावित होगी। पर्यटन सीजन की शुरुआत में यह फैसला राजस्व और निवेश पर भी असर डाल सकता है।
सरकार की अपील और आश्वासन
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध अस्थायी हैं और जैसे ही हालात सामान्य होंगे, इन स्थलों को फिर से खोला जाएगा। पर्यटकों से संयम और सहयोग की अपील की गई है।
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