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Operation Sindoor के बाद किराना हिल्स में रेडिएशन लीक की अफवाहें FAKE!... IAEA ने दी सख्त सफाई

Operation Sindoor के बाद किराना हिल्स में रेडिएशन लीक की अफवाहें FAKE!... IAEA ने दी सख्त सफाई

नई दिल्ली। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद उठे रेडिएशन के तूफान पर अब विराम लग गया है! अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान में किसी भी परमाणु संयंत्र से रेडिएशन लीक नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर किराना हिल्स में परमाणु रिसाव को लेकर चल रही अफवाहों को 'पूरी तरह बेबुनियाद' करार देते हुए IAEA ने स्थिति साफ कर दी है। इससे पहले पाकिस्तान में अमेरिकी विमान की मौजूदगी और मिस्र से आए 'बोरोन' की खेप ने इन चर्चाओं को हवा दी थी।


क्या था मामला?

भारत ने 9-10 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों व सैन्य अड्डों पर हवाई हमले किए। इनमें सरगोधा और नूर खान एयरबेस भी शामिल थे, जो पाकिस्तान के परमाणु भंडारण स्थल माने जाने वाले किराना हिल्स के नजदीक हैं। हमलों के बाद सोशल मीडिया पर यह दावा वायरल हुआ कि परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है और वहां से रेडिएशन लीक हो रहा है।


IAEA और भारत ने क्या कहा?

IAEA के प्रवक्ता फ्रेड्रिक डाहल ने एक इंटरव्यू में कहा:

“उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार, पाकिस्तान में किसी भी परमाणु सुविधा से रेडिएशन लीक या रिलीज की कोई घटना नहीं हुई है।”

वहीं, भारतीय वायुसेना के DG (एयर ऑपरेशंस) एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा:

“हमारे हमलों का लक्ष्य केवल आतंकी ठिकाने और सैन्य अड्डे थे। किराना हिल्स को टच भी नहीं किया गया।”

भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले को "पाकिस्तान का आंतरिक विषय" बताते हुए कोई टिप्पणी करने से इनकार किया।


फर्जी निकले दस्तावेज

सोशल मीडिया पर एक कथित 'रेडियोलॉजिकल सेफ्टी बुलेटिन' वायरल हुआ, जिसमें पाकिस्तान सरकार द्वारा रेडिएशन लीक की पुष्टि की बात कही गई थी। लेकिन Alt News और Newschecker की जांच में यह दस्तावेज फर्जी पाया गया। न तो इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि हुई, न ही कोई सरकारी वेबसाइट पर इसे देखा गया।


रेडिएशन लीक के खतरे क्या होते?

➡️ स्वास्थ्य प्रभाव: त्वचा जलना, उल्टी, बाल झड़ना, कैंसर या मृत्यु तक का खतरा

➡️ पर्यावरणीय असर: मिट्टी, जल और हवा में रेडियोधर्मी प्रदूषण, जिससे खेती और जीवन चक्र प्रभावित

➡️ आर्थिक व सामाजिक असर: विस्थापन, रोजगार हानि और सामाजिक तनाव

➡️ सीमा-पार असर: हवा और जल के माध्यम से अन्य देशों तक रेडिएशन फैलने का खतरा


हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि परमाणु संयंत्रों में सुरक्षा उपाय इतने सख्त होते हैं कि पारंपरिक हमलों से रेडिएशन लीक का खतरा बेहद कम होता है।


पाकिस्तान और अमेरिका की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी अधिकारियों ने साफ किया कि सरगोधा या किराना हिल्स में किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी या रेडिएशन रिसाव की रिपोर्ट नहीं है। वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा: “हमारे पास इस वक्त इस विषय पर साझा करने के लिए कोई जानकारी नहीं है।”

Sanju Suryawanshi

Sanju Suryawanshi

sanju.surywanshi1@gmail.com

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