नई दिल्ली। भारत के ऑपरेशन सिंदूर की गूंज अब वॉशिंगटन तक पहुंच गई है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई 35 मिनट की फोन बातचीत में पाकिस्तान, आतंकवाद और सीजफायर जैसे अहम मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई। इस बातचीत ने यह साफ कर दिया कि भारत अब आतंकवाद को परदे के पीछे की लड़ाई नहीं, सीधे युद्ध मानकर जवाब देगा। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बातचीत का ब्योरा मीडिया को देते हुए कई अहम खुलासे किए।
मोदी ने ट्रम्प को बताया: ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी
बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति को विस्तार से दी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान व्यापार या मध्यस्थता से जुड़ी कोई भी चर्चा भारत ने नहीं की।
'भारत अब आतंकवाद को सीधे युद्ध मानता है'
मोदी ने ट्रम्प को दो टूक कहा कि अब भारत आतंक की घटनाओं को 'प्रॉक्सी वॉर' नहीं, सीधे युद्ध की तरह लेगा। यही वजह है कि पाकिस्तान की ओर से आई गोली का जवाब अब गोले से दिया जाएगा।
22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद लिया गया एक्शन
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि भारत ने पाकिस्तान और POK में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। कार्रवाई मेजर्ड, प्रिसाइज और नॉन-एस्केलेटरी थी।
पाकिस्तान ने खुद सैन्य कार्रवाई रोकने की लगाई थी गुहार
9 मई की रात अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी से संपर्क किया था। उन्हें बताया गया कि अगर पाकिस्तान कोई बड़ा हमला करता है, तो भारत उसका जवाब और भी बड़ा देगा। इसी चेतावनी के बाद पाकिस्तान को सैन्य कार्रवाई रोकने का आग्रह करना पड़ा।
भारत ने न तो कभी मध्यस्थता मानी, न मानेगा
मोदी ने ट्रम्प को स्पष्ट कर दिया कि भारत कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नहीं मानता। पाकिस्तान के साथ जो भी बातचीत हुई, वो दोनों देशों के सैन्य अफसरों के मौजूदा चैनलों के जरिए हुई।
G7 में मुलाकात रह गई अधूरी, फोन कॉल में हुई चर्चा
मोदी और ट्रम्प की मुलाकात G7 सम्मेलन के इतर तय थी, लेकिन ट्रम्प को 17 मई को अमेरिका लौटना पड़ा। इसी वजह से 18 जून को फोन पर बातचीत की गई।
मोदी-ट्रम्प की अगली मुलाकात जल्द तय होगी
राष्ट्रपति ट्रम्प ने मोदी से अनुरोध किया कि वो कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका रुकें, लेकिन कार्यक्रम तय होने के कारण यह संभव नहीं हुआ। दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मिलने की सहमति जताई है।
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