नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जमी बर्फ अब बारूद में बदलती नजर आ रही है। सीमा पर गोलीबारी और सियासी बयानबाज़ी के बीच अब सीधे सैन्य स्तर पर संवाद शुरू हुआ है। मंगलवार को दोनों देशों के DGMOs (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई, लेकिन बातचीत की भाषा चेतावनी जैसी रही—भारत ने पाकिस्तान से साफ कहा, "बिना उकसावे की गोलीबारी अब बर्दाश्त नहीं होगी!"
भारत ने पाकिस्तान को दी सख्त चेतावनी—“जवाबी कार्रवाई होगी, वो भी हर स्तर पर”
भारतीय सैन्य सूत्रों के मुताबिक, DGMOs की बातचीत के दौरान भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तान को आगाह किया कि LoC पर लगातार हो रही फायरिंग से क्षेत्रीय स्थिरता खतरे में है। भारत ने साफ कहा कि अगर उकसावे वाली कार्रवाइयां जारी रहीं, तो राजनयिक और सैन्य—दोनों स्तरों पर जवाब मिलेगा।
पहलगाम हमले के बाद सीमा पर हाई अलर्ट, सेना को मिली “पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता”
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई CCS बैठक में सेना को फुल ऑपरेशनल फ्रीडम देने का फैसला हुआ है। बैठक में NSA अजित डोभाल, थलसेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी, रॉ प्रमुख रवि सिन्हा समेत टॉप सिक्योरिटी टीम मौजूद रही। इसका मतलब साफ है—भारत अब किसी भी मोर्चे पर जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पाकिस्तान का दावा—“भारत सैन्य हमला कर सकता है!”
दूसरी ओर, पाकिस्तान सरकार के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने आरोप लगाया कि भारत पहलगाम हमले को बहाना बनाकर अगले 24 से 36 घंटे में सैन्य कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सेना को हाई अलर्ट पर रखा है और सीमाई इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
एलओसी पर पाक की अग्रिम चौकियों की वापसी—रणनीति या डर?
सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर अपनी कुछ अग्रिम चौकियों को हटा लिया है। यह कदम रणनीतिक पुनर्संयोजन हो सकता है या भारत की संभावित कार्रवाई से बचने की कोशिश। भारत ने इस हरकत को गंभीरता से लिया है और सीमा पर चौकसी और तेज़ कर दी गई है।
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