मुंबई। देश से बाहर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स की तस्करी मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एनसीबी ने साउथ फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर फिल्म मेकर और डीएमके के पूर्व नेता जफर सादिक को पकड़ा है। उसकी चार महीने से तलाश की जा रही थी। एनसीबी ने सादिक को भारत-ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का किंगपिन बताया है। इसमें कहा गया है कि उसने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स की तस्करी की है।
29 फरवरी को एनसीबी ने पकड़ा था जखीरा
एनसीबी के अनुसार, जफर सादिक ने 45 से अधिक बार 3,500 किलोग्राम स्यूडोएफेड्रिन विदेश भेजा। 29 फरवरी को अधिकारियों ने मदुरै में दंपती ट्रेन यात्रियों को 36 किलोग्राम ड्रग्स की तस्करी के मामले में पकड़ा था। उनसे पूछताछ के आधार पर चेन्नई में कोडुंगैयुर डंपिंग यार्ड से 180 करोड़ रुपये मूल्य की मेथामफेटामाइन जब्त की थी। ड्रग्स की तस्करी श्रीलंका में की जानी थी।
अमेरिका कर रहा जांच में सहयोग
इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट से जुड़े तीन अन्य लोगों को हाल ही में एनसीबी ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो भी ड्रग्स जांच में भारतीय एजेंसी का सहयोग कर रही है।
कौन है जफर सादिक?
सादिक फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े होने के साथ रियल एस्टेट कारोबारी भी रहा है। उसने अब तक चार फिल्में बनाई हैं। इराइवन मिगा पेरियावन, मायावलाई और मंगई ये तीन फिल्में रिलीज हो चुकी हैं। जबकि उनकी चौथी फिल्म वीआर07 इस महीने रिलीज होने की उम्मीद है।
जफर ने 2010 में राजनीति में कदम रखा था। डीएमके के एनआरआई विंग की चेन्नई पश्चिम डिप्टी ऑर्गनाइजर था। सादिक को पिछले महीने नशीली दवाओं की तस्करी में कथित संलिप्तता के कारण द्रमुक ने निष्कासित कर दिया था। भाजपा के राज्य प्रमुख के अन्नामलाई ने हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और राज्य मंत्री उदयनिधि स्टालिन सहित कई राजनेताओं के साथ जफर की तस्वीरें शेयर की थी।
क्या है मेथमफेटामाइन?
राजस्व खुफिया निदेशालय के अनुसार, मेथमफेटामाइन को आम भाषा में आइस या क्रिस्टल मेथ के रूप में भी जाना जाता है। एक अत्यधिक नशे की लत वाली साइकोस्टिमुलेंट दवा है, जो कोकीन के समान शक्तिशाली उत्साहजनक प्रभाव दिखाती है। इसका सेवन जीवन के लिए घातक है।
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