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पेट में है ये लक्षण तो हो सकता है टीबी होने का डर, भूलकर भी इसे न करें नजरअंदाज

पेट में है ये लक्षण तो हो सकता है टीबी होने का डर, भूलकर भी इसे न करें नजरअंदाज

जब भी बात टीबी की बीमारी की होती है तो ज्यादातर लोग फेफड़े के टीबी के बारे में ही सोचते है। पर आपकी बतादें की यह बीमारी बॉडी के किसी में अंग में हो सकती है। वहीं जब फेफड़े से बाहर टीबी होती है तो फिर उसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहा जाता है। इसी में से एक है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूबरक्लोसिस। पेट के पेरिटोनियम और लिंफ में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल टीबी होती है। इसमें माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस का संक्रमण होने की वजह से ऐसा होता है।


बतादें कि, भारत में छोटी आंतों में होने वाले इस तरह के कुल टीबी मरीजों की संख्या 5-9 प्रतिशत है। वहीं टाइफाइड बुखार होने के बाद से भारत में आंतों में होने वाली यह दूसरी सबसे आम बीमारी मानी जाती है। इसके साथ ही डायबिटीज और एचआईवी पोजिटिव मरीजों में इस बीमारी के होने का खतरा सबसे अधिक रहता है।


बतादें कि, वजन में कमी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूबरकुलोसिस या फिर पेट की टीबी से जूझ रहे लोगों में खान सही तरह से नहीं पच पाता है। जिसकी वजह से पाचन तंत्र बाधित हो जाता है। वहीं जब आपके पाचन तंत्र पर इसका असर पड़ता है तो बॉडी में भोजन से आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन प्राप्त होने में दिक्कत होती है। इसका नतीजा यह होता है कि आपकी बॉडी कमजोर होने लगती है। जिसके कारण वजन और ताकत में कमी अजाती है। चलिए जानते है टीबी के कुछ लक्षण के बारे में


हल्का बुखार

बॉडी में लगातार हल्का बुखार रहना भी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूबरकुलोसिस का लक्षण होता है। इसमें मरीज का अचानक तापमान बढ़ सकता है, जिसके कारण भारी पसीना भी आ सकता है। यादि आपको ऐसा कोई लक्षण नजर आते है तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।


खाना खाने की आदत में परिवर्तन

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल टीबी आपके खाने की आदतों को काफी प्रभावित करती है। जिसकी वजह से मरीज को भूख में अचानक कमी का सामना करना पड़ ता है।  


पेट में ऐंठन होना

पेट में तेज ऐंठन होना गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूबरकुलोसिस का स्पष्ट लक्षण होता है। इसे आप किसी भी कीमत पर नजरअंदाज न करें।


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