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एमपी की इस सीट पर बंपर वोटिंग: युवाओं से लेकर बुजुर्गों ने दिखाया उत्साह, भाजपा बोली-मोदी इफेक्ट, कांग्रेस को बदलाव की उम्मीद

एमपी की इस सीट पर बंपर वोटिंग: युवाओं से लेकर बुजुर्गों ने दिखाया उत्साह, भाजपा बोली-मोदी इफेक्ट, कांग्रेस को बदलाव की उम्मीद

भोपाल। मध्य प्रदेश की होशंगाबाद संसदीय सीट पर शुक्रवार को रिकार्ड 67.16 फीसदी वोटिंग हुई है। भीषण गर्मी के बावजूद मतदाओं ने भरपूर उत्साह दिखाया। युवाओं से लेकर बुजुर्गों ने लोकतंत्र के महापर्व में अपने मतदान की आहूतियां दी। 

होशंगाबाद में 2019 से 7 फीसदी कम वोटिंग
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में शुक्रवार को मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ। इसमें सर्वाधिक 67.16 फीसदी वोटिंग होशंगाबाद संसदीय सीट में हुई है। मप्र के मुख्य चुनाव आयुक्त अनुपम राजन ने मतदान के तुरंत बाद प्रेस कान्फ्रेंस कर यहां की विधानसभावार वोटिंग का आंकड़ा गिनाया। साथ ही नरसिंहपुर और होशंगाबाद जिले की निर्वाचन टीम को बधाई दी। हालांकि, वोटिंग का आंकड़ा पिछले चुनाव से करीब सात फीसदी कम है। 2019 में यहां 74.19% और 2014 के लोकसभा चुनाव में 65.76 फीसदी वोटिंग हुई थी। 

पिपरिया में सर्वाधिक 73.32% मतदान
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि सर्वाधिक वोटिंग होशंगाबाद की पिपिरया विधानसभा में हुई है। शाम 6 बजे तक यहां 73.32%, सिवनी मालवा में 69.76%, तेंदूखेड़ा में 69.33%, सोहागपुर में 68.32% और गाडरवारा में 67.72% हुआ है। 

नर्मदापुरम जिले में 950127 मतदाता
होशंगाबाद संसदीय सीट में नर्मदापुरम और नरसिंपुर जिले की चार चार सीटें शामिल हैं। नर्मदापुरम जिले में  950127 मतदाता हैं। इसमें 490730 पुरुष और 459360 महिला एवं 37 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। इसमें 1187 मतदान केंद्र बनाए गए थे। सिवनीमालवा में 318, होशंगाबाद में 238, सोहागपुर में 314, पिपरिया में 317 मतदान केंद्र बनाए गए। सभी केन्द्रों में रैंप, व्हीलचेयर, बिजली, पेयजल, शौचालय सहित मूलभूत सुविधाएं रहेंगी।

होशंगाबाद लोकसभा सीट का इतिहास
होशंगाबाद लोकसभा सीट भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है।  मध्य अंचल की यह सीट 1989 से 2004 तक लगातार बीजेपी के कब्जे में रही, लेकिन 2009 में राव उदय प्रताप सिंह ने कांग्रेस के सिम्बल पर जीत दर्ज की। लेकिन 2014 में उन्होंने पाला बदलकर बीजेपी के सिम्बल पर चुनाव लड़ा और दोबारा सांसद बने। 2019 के चुनाव में उन्होंने जीत का रिकॉर्ड बनाया। वर्तमान में वह मप्र सरकार के परिहवन मंत्री हैं। 

होशंगाबाद लोकसभा सीट तीन जिलों में फैली
होशंगाबाद लोकसभा सीट में नर्मदापुरम, नरसिंहपुर और रायसेन जिले का हिस्सा शामिल है। नर्मदापुरम जिले की सोहागपुर, सिवनी-मालवा, नर्मदापुरम और पिपरिया, नरसिंहपुर की नरसिंहपुर, तेंदुखेड़ा, और गाडरवारा के अलावा रायसेन की उदयपुरा विधानसभा सीट शामिल है। 2023 के विधानसभा चुनाव में सभी 8 सीट भाजपा ने जीत ली है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यहां चुनौती कम नहीं है। 

होशंगाबाद लोकसभा का जातिगत समीकरण
होशंगाबाद लोकसभा ओबीसी बहुल सीट है। यहां 49.6 प्रतिशत वोटर्स ओबीसी हैं। 22.6 प्रतिशत सवर्ण और 23.8 प्रतिशत एस-एसटी वोटर्स की संख्या है। बीजेपी और कांग्रेस ज्यादातर चुनावों में ओबीसी नेताओं पर दांव लगाती रही हैं। 2019 के चुनाव में दोनों पार्टियों ने ओबीसी उम्मीदवार उतारे, लेकिन इस बार कांग्रेस ने ब्राह्मण चेहरे संजय शर्मा और भाजपा ने दर्शन सिंह चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। दोनों में कड़ा मुकाबला दिख रहा। 

News World Desk

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