Monday , May , 06 , 2024

बाबा महाकाल को गर्मी से राहत देने शिवलिंग पर चढ़ रही सहस्त्र जलधारा, 11 मटकियों से चढ़ाया जा रहा जल

बाबा महाकाल को गर्मी से राहत देने शिवलिंग पर चढ़ रही सहस्त्र जलधारा, 11 मटकियों से चढ़ाया जा रहा जल

उज्जैन। गर्मी आते ही जहां एक और लोग घर में ठंडक के लिए कूलर, एसी और अन्य राहत की चीजों का इंतजाम कर रहे हैं। वहीं, भगवान को गर्मी से बचाने के लिए पुजारियों द्वारा भी कई प्रकार के जतन किए जा रहे है। उज्जैन के महांकालेश्वर मंदिर में बाबा भोलेनाथ को जल धारा के माध्यम से ठंडक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां बाबा महाकाल को गर्मी से निजात दिलाने के लिए परंपरा अनुसार प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपाद से जल धारा प्रारंभ की जाती है। 


जल धारा का यह क्रम ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तक सतत जारी रहता है। बाबा को जलधारा चढ़ाने के लिए शीर्ष पर 11 मटकियां बांधी गई हैं। इन मटकियों को गलंतिका भी कहा जाता है। मटकियों में अलग अलग पवित्र नदियों का जल भरा गया है। प्रत्येक मटकियों के माध्यम से अलग अलग जलधार द्वारा भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है। यह जलधारा प्रतिदिन सुबह 6 बजे चढ़ना शुरू की जाती है और शाम 5 बजे तक निरंतर जारी रहती है।  


बाबा महाकाल को रखा जाएगा शीतल

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरु ने बताया कि वैशाख कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा पर आज मंदिर के गर्भग्रह में 11 मटकिया लगाई गई हैं। गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा, शिप्रा समेत अन्य नदियों का जल इन मटकियों में भरा गया है और उन पर नदियों का नाम लिखा गया। इन मटकियों को गलंतिका कहा जाता है, जिससे भगवान के शीश पर सतत शीतल जलधारा प्रवाहित की जा रही है। ज्योतिर्लिंग की परंपरा अनुसार वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक दो महीने प्रतिदिन सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक गलंतिका बंधी रहेंगी।

News World Desk

News World Desk

desk@newsworld.com

Comments

Add Comment