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केजरीवाल को कोर्ट ने 1 अप्रैल तक ED कस्टडी में भेजा: अरविंद ने केस की पैरवी खुद की, ऐसा करने वाले पहले मुख्यमंत्री बने

केजरीवाल को कोर्ट ने 1 अप्रैल तक ED कस्टडी में भेजा: अरविंद ने केस की पैरवी खुद की, ऐसा करने वाले पहले मुख्यमंत्री बने

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी कस्टडी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 4 दिन और बढ़ा दी है। इससे पहले कोर्ट में 39 मिनट सुनवाई चली। केजरीवाल ने खुद अपने केस की पैरवी की। वे ऐसा करने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी कोर्ट पहुंची थीं। ईडी ने अदालत से सात दिन की रिमांड मांगी थी।

ईडी ने कहा कि एक मोबाइल फोन (सुनीता केजरीवाल) में डेटा निकाला गया है और उसका विश्लेषण किया जा रहा है। हालांकि, 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल के आवास की तलाशी के दौरान जब्त किए गए अन्य 4 डिजिटल उपकरणों का डेटा अभी तक नहीं निकाला जा सका है। क्योंकि केजरीवाल ने अपने वकीलों से बातचीत करने के बाद पासवर्ड/लॉगिन क्रेडेंशियल देने के लिए समय मांगा है। 

इसलिए चाहिए ईडी को रिमांड
एजेंसी को केजरीवाल की रिमांड क्यों चाहिए, इसका कारण भी बताया था। ईडी ने कहा कि गोवा के आप नेताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। हमें उन लोगों से अरविंद केजरीवाल का सामना करना है। पूछताछ भी करनी है। इसलिए हिरासत की और जरूरत है।  दरअसल, आप गोवा अध्यक्ष अमोल पालेकर, रामाराव वाघा और दो अन्य को तलब किया गया है। 

सुनवाई पूरी होने के बाद दिल्ली सीएम के वकील रमेश गुप्ता बाहर आए। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अदालत के सामने स्वीकार किया कि वह हिरासत में रहने के लिए तैयार हैं और वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे। 


ईडी का आरोप- सहयोग नहीं कर रहे केजरीवाल
ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने अब तक पासवर्ड का खुलासा नहीं किया है। उनका कहना है कि वह अपने वकीलों से बात करेंगे और फिर तय करेंगे कि पासवर्ड दिया जाए या नहीं। ईडी ने कहा कि यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो हमें पासवर्ड तोड़ने होंगे। ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू पेश हुए। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के बयान दर्ज किए गए हैं। लेकिन उन्होंने गोलमोल जवाब दिए। वह जानबूझकर हमारे साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।

सीएम बोले- मुझे किसी अदालत ने दोषी नहीं माना
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी गुरुवार को कोर्ट में बोलने का मौका दिया गया। उन्होंने ईडी पर आम आदमी पार्टी को कुचलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह मामला दो साल से चल रहा है। सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को एफआईआर दर्ज की। इसके बाद ईडी ने 22 अगस्त 2022 को ईसीआईआर दर्ज की। मुझे गिरफ्तार किया गया, लेकिन अभी तक किसी भी अदालत ने मुझे दोषी साबित नहीं किया है। इस पर जज ने कहा कि आप लिखित में बयान क्यों नहीं देते हैं। 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस मामले से संबंधित सीबीआई ने 31,000 पेज और ईडी ने 25,000 पेज दाखिल किए हैं। अगर आप इन्हें एक साथ पढ़ेंगे तो भी मैं पूछना चाहूंगा कि मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया? मेरा नाम केवल चार लोगों के चार बयानों में सामने आया। उन चार में से एक सी अरविंद था, अरविंद केजरीवाल नहीं। सी. अरविंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिव थे। उन्होंने अधिकारियों को बताया है कि मनीष सिसोदिया ने कुछ दस्तावेज सौंपे थे। उन्होंने कहा कि कई नौकरशाह और विधायक नियमित रूप से उनके आवास पर आते थे। क्या इस तरह का बयान एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए काफी है?

News World Desk

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