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देवउठनी ग्यारस से होगी मंगल कार्यों की होगी शुरुआत, शादी के लिए हैं केवल 45 शुभ मुहूर्त

देवउठनी ग्यारस से होगी मंगल कार्यों की होगी शुरुआत, शादी के लिए हैं केवल 45 शुभ मुहूर्त

4 नवंबर देवउठनी ग्यारस से मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश होने जा रहा है। देवउठनी ग्यारस से लेकर देवशयनी एकादशी तक 7 महीने के 45 मुहूर्त में शादियां हो सकेंगी। फरवरी और मई माह में सबसे ज्यादा मुहूर्त है, वहीं मार्च में सबसे कम दो मुहूर्त में शादी होंगी। पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से ही देवउठनी एकादशी के रूप में मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाती है। इस बार एकादशी तिथि 4 नवंबर शुक्रवार को आ रही है।


धर्म शास्त्रीय अभिमत, पंचांग की गणना और भद्रा आदि विचार के दृष्टिगत रखते हुए इस बार देव प्रबोधिनी एकादशी पर तुलसी विवाह नहीं होगा। शनि प्रदोष पर तुलसी विवाह होगा। एकादशी तथा द्वादशी का भेद भी दृष्ट होने से ऐसी स्थिति बन रही है। देव प्रबोधिनी एकादशी से ही विवाह की शुरुआत मानी जाती है किंतु इस बार कुछ ग्रह-नक्षत्र व योग के आधार पर विवाह का अनुक्रम नवंबर के आखिरी दिनों में होगा।


45 मुहूर्त में हो सकेंगे विवाह

नवंबर : 24, 25, 26, 28

दिसंबर : 2, 3, 7, 8, 9,13

जनवरी : 25, 26, 27, 30, 31

फरवरी : 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 16, 20, 22, 24

मार्च : 8, 9

मई : 1, 2, 3, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 29, 30

जून : 3, 5, 6, 7, 11, 12, 23

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